BSSA ने किया रिसर्च
इधर, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरण की माने तो, BSSA की ओर से एक रिसर्च किया गया था. इस रिसर्च में यह देखा गया कि, राष्ट्रीय खेलों में पहले पांच राज्यों द्वारा मेडल जीतने का बेहद ही महत्वपूर्ण कारण है. दरअसल, वहां के खेल संघों द्वारा जिला स्तर पर खेल प्रतियोगिता कराई जाती है. जिसमें से प्रतिभा का चयन कर उन्हें राष्ट्रीय खेल से एक महीना पहले स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है. जिससे वे नेशनल गेम्स में खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाते हैं.
खेल संघों को दिया निर्देश
आगे यह भी रविंद्रन शंकरण ने बताया कि, बिहार में भी नेशनल गेम्स के लिए खिलाड़ियों के चयन की यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी. सभी खेल संघ एक प्लान अपने बजट के साथ तैयार करके BSSA को सबमिट करेंगे. जिसके बाद संघों की ओर से इन प्रतियोगिताओं को कराने, प्रशिक्षण के साथ-साथ खिलाड़ियों के किट और प्रतियोगिता में भी भेजने तक के खर्च बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा अपने पहले से निर्धारित दर पर वहन किए जाएंगे.
इन खेलों को लेकर दी जाएगी स्पेशल ट्रेनिंग
वहीं, जिन खेलों को लेकर खिलाड़ियों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी, उनमें हॉकी, तैराकी, भारोत्तोलन, बैडमिंटन, वालीबॉल, बास्केटबॉल, चेस, साइक्लिंग, टेबल टेनिस, तलवारबाजी, फुटबॉल, कबड्डी, रग्बी, सेपक टाकरा, शूटिंग, कुश्ती, लॉन बॉल, पारा एथलेटिक्स, जूडो, योग, बॉक्सिंग, मॉडर्न पेंटाथलॉन, एथलेटिक्स और तीरंदाजी शामिल है. इन खेलों के लिए जिला स्तर पर प्रतियोगिता के बाद खिलाड़ियों का यचन कर लिया जाएगा. फिर उन्हें स्पेशल ट्रेनिंग देकर नेशनल गेम्स के लिए तैयार किया जाएगा.
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