जहां से लड़ेंगे वहां हारेंगे राहुल
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अमेठी राहुल गांधी की पारंपरिक सीट हुआ करती थी, लेकिन 2019 में स्मृति ईरानी के खिलाफ हारने के बाद राहुल गांधी इस सीट को छोड़ कर भाग गये हैं. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार जहां से हारता है, वहां दोबारा नहीं जाता. इसीलिए राहुल गांधी भी अमेठी छोड़ अब रायबरेली गये हैं, लेकिन राहुल गांधी वहां भी हारेंगे और इस संसदीय सीट को भी छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के बहादुर शाह हैं राहुल. जैसे बहादुर शाह जफर मुगल सल्तनत के आखिरी बादशाह थे, वैसे ही राहुल गांधी इस परिवार के आखिरी सांसद हैं.
हार के डर से भाग रहे हैं राहुल
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने शुक्रवार को पत्रकारों को दिए बयान में कहा कि राहुल गांधी को मालूम है, उनको डर सता रहा है. इसलिए अमेठी छोड़ रायबरेली से लड़ रहे हैं. आगे उमेश कुशवाहा ने कहा कि ये वो लोग हैं जो लगातार लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं. ये परिवार तंत्र से घिरे हुए हैं. अमेठी हारे तो भागे. जब रायबरेली हारेंगे तो भागेंगे. इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में जेडीयू नेता उमेश कुशवाहा ने कहा कि बिहार में एकदम माहौल गदगद है. एनडीए की लहर चल रहा है. सभी लोग गोलबंद है एनडीए के पक्ष में हैं.
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रिजेक्ट हो चुके हैं राहुल
राहुल गांधी के सीट बदलने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि पहले उनको डर था तो हम लोगों ने उनको मंदिर भिजवाया. पूरा गांधी परिवार अपने परंपरागत सीट को भी छोड़कर भाग रहा है. इनका पूरा खानदान परंपरागत सीट छोड़कर भाग रहा है. यह लोग कहीं से चुनाव जीतें हर जगह इनकी हार तय है. इनका सब कुछ भी नहीं होने वाला है. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी किसी भी जगह से चुनाव लड़ने जनता का विश्वास उनके साथ नहीं है. वह डरे हुए हैं इसलिए अब सीट छोड़ रहे हैं. राहुल गांधी में आत्मविश्वास नहीं है कि वह वायनाड से चुनाव जीतेंगे और अब रायबरेली में डर से आए हैं. राहुल गांधी पूरी तरह से रिजेक्ट हो चुके हैं यह जहां से भी चुनाव लड़ेंगे उनका हार ही मिलेगी.