मई में होगा एग्जाम तो जुलाई में एडमिशन
देश में अगले पांच वर्षों में 75000 मेडिकल सीटों के इजाफे का लक्ष्य रखा गया है. 2024-25 में एमबीबीएस की सीटें 1,15,812 हो गयी थीं. इस बार 2025-26 में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10 हजार अतिरिक्त एमबीबीएस सीटें जोड़ी जायेंगी. वर्तमान में देश में 706 मेडिकल कॉलेज हैं. पिछले साल 10,000 से ज्यादा मेडिकल सीटें बढ़ी थीं. इस साल करीब 40 से 45 नये मेडिकल कॉलेज खुलने की संभावना है. इसमें सरकारी और निजी दोनों तरह के मेडिकल कॉलेज हैं. सभी कॉलेजों को जुलाई 2025 से पहले ही लेटर ऑफ परमिशन (एलोपी) मिल जायेगी. चार मई के एग्जाम के बाद जुलाई से एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. नये मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद कुल मेडिकल कॉलेज की संख्या भी 750 के आसपास हो जायेगी. नये सत्र में 60 हजार के आसपास निजी और डीम्ड यूनिवर्सिटी में सीटें होंगी और 66 हजार के आसपास सरकारी एमबीबीएस सीटें होंगी. इसके आधार पर नीट में कंपीटीशन पिछले साल से थोड़ा इजी रहेगा.
100 सीटों का बढ़ना तय, 100 अन्य की प्रक्रिया जारी
बिहार में नये सत्र 2025 में दो मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई शुरू होने की संभावना है. ये कॉलेज सारण और समस्तीपुर में हैं. लेकिन अभी तक सारण में 100 सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया संबंधित कागजात तैयार कर लिया गया है. सूत्रों की मानें, तो अगर सरकार दोनों सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 सीटें पर एडमिशन के लिए एनएमसी को पत्र भेजने की तैयारी कर रहा है. अभी राज्य में कुल 1490 एमबीबीएस व 140 बीडीएस की सीटें हैं. कुल सरकारी एमबीबीएस व बीडीएस मिला कर कुल 1630 सीटें हैं. इसमें 15 प्रतिशत सीटें पर ऑल इंडिया कोटा के तहत एडमिशन होता है. वहीं, 85 प्रतिशत सीटों पर स्टेट कोटे के तहत एडमिशन होता है. एमबीबीएस की 200 सीटें बढ़ने पर राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कुल 1690 सीटें हो जायेंगी. अभी पीएमसी पटना में 200, डीएमसी लहेरियासराय में 120, भागलपुर में 120, एनएमसी पटना में 150, मुजफ्फरपुर में 120, गया में 120, आईजीआईएमएस पटना में 120, जीएमसी बेतिया में 120, विम्स पावापुरी में 120, मधेपुरा में 100, इएसआइसी मेडिकल कॉलेज बिहटा में 100, जीएमसी पूर्णिया में 100, पटना डेंटल कॉलेज में 40 व रहुई डेंटल कॉलेज नालंदा में 100 सीटें हैं.
बीडीएस में 27 हजार से ज्यादा सीटें
बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की सीटों की संख्या 27 हजार से ज्यादा है. एमबीबीएस, डेंटल, होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी सभी को मिलाकर करीब दो लाख से ज्यादा सीटें हैं. नीट यूजी परीक्षा के जरिए एमबीबीएस, बीडीएस, बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस), बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (बीयूएमएस), बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस) जैसे कोर्सेज में एडमिशन होता है.
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