संवाददाता, पटना जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने अधिकारियों और अभियंताओं से कहा है कि जल संसाधन योजनाओं में गुणवत्ता और समय-सीमा सर्वोपरि है. कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. श्री मल्ल ने यह बातें गुरुवार को पटना के सिंचाई भवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में कहीं. प्रधान सचिव ने कहा कि हर परियोजना में काम की गति तेज हो, गुणवत्ता सर्वोत्तम हो और उसे निर्धारित समय में हर हाल में पूरा किया जाए. बैठक में राज्य की कई अहम योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गयी. इसमें डकरानाला पंप नहर, जालकुंड डैम, सतघरवा, बदुआ, खड़गपुर और बटाने जलाशय शामिल हैं. इन योजनाओं को जल्द पूरा कर किसानों और आम लोगों तक लाभ पहुंचाने पर प्रधान सचिव की तरफ से खास जोर दिया गया. बैठक में मुख्य अभियंता (योजना एवं मॉनीटरिंग) ब्रजेश मोहन, मुख्य अभियंता (सिंचाई एवं सृजन) भागलपुर मो सोहेल अहमद, अधीक्षण अभियंता (सिंचाई अंचल खड़गपुर) मो तौहीद आलम, अधीक्षण अभियंता (योजना एवं मॉनीटरिंग अंचल-3) अमरेंद्र कुमार समेत विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. जल संसाधन विभाग की तरफ से खरीफ सिंचाई 2025 के लिए उदेरास्थान बैराज से निकलने वाली नहरों पर स्थित संरचनाओं का आवश्यक मरम्मत पूरा हो गया है. साथ ही नहरों में पानी जाने लगा है. इसका फायदा जहानाबाद, नालंदा और गया जिलों के लगभग 41,890 हेक्टेयर कृषि भूमि को मिलेगा. गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे फल्गु नदी में जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गयी. इसके बाद दोपहर करीब एक बजे उदेरास्थान बैराज के गेट खोले गये, ताकि जल नहरों में पानी जा सके. वर्तमान में बैराज से जल की निकासी 58,000 क्यूसेक की दर से की जा रही है. जल प्रवाह की सतत निगरानी के लिए विभाग के अभियंता स्थल पर तैनात हैं. साथ ही, एक विशेष कैंप की स्थापना कर नियमित पर्यवेक्षण किया जा रहा है.
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