सख्त नियमों के साथ चलेगा स्कूल ऑटो
बच्चों की ढुलाई करने वाले चालकों को अब कई नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. यदि ट्रैफिक पुलिस वाहन को रोकती है, तो चालकों को परमिट, फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रदूषण प्रमाणपत्र और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाना अनिवार्य होगा. सुरक्षा मानकों का पालन करने वाले वाहनों को ही बच्चों के परिवहन की अनुमति दी जाएगी. वहीं, ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
सभी स्कूल वाहनों में अब जीपीएस और सीसीटीवी जरूरी
बच्चों की निगरानी और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने स्कूल वैन, बस और ऑटो में जीपीएस और सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया है. हालांकि, ऑटो में सिर्फ जीपीएस लगेगा, कैमरा लगाने की जरूरत नहीं होगी. जीपीएस और कैमरों के जरिए ट्रैफिक एसपी, परिवहन विभाग और जिला परिवहन पदाधिकारी वाहनों की लाइव मॉनिटरिंग कर सकेंगे.
‘ऑन-स्कूल ड्यूटी’ बोर्ड होगा अनिवार्य
अब स्कूली सेवा में लगे सभी वाहनों को आगे और पीछे “ऑन-स्कूल ड्यूटी” का बोर्ड लगाना जरूरी होगा. यदि वाहन सामान्य सवारी ढोने लगे, तो चालक इस बोर्ड को हटा सकेंगे. साथ ही, अगर कोई बस स्कूल द्वारा किसी ऑपरेटर से किराए पर ली गई है, तो उस पर भी स्पष्ट रूप से “ऑन-स्कूल ड्यूटी” लिखा होना अनिवार्य होगा.
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