भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के जीएम रामप्रीत पासवान को एक प्राइवेट निर्माण कंपनी के मैनेजर से 15 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया. रिश्वत देने वाले रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन (RKSCPL) कंपनी के जीएम समेत तीन अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हुई है. पिछले दो दिनों से सीबीआई ने बिहार, झारखंड और यूपी में अलग-अलग ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. निर्माण कंपनी के बिल को पास करने के लिए रिश्वतखोरी का खेल चल रहा था.
दर्जन भर लोगों पर केस दर्ज, जीएम के आवास से 1 करोड़ 18 लाख कैश बरामद
गिरफ्तार हुए जीएम के अलग-अलग जगहों पर स्थित आवासों से करीब एक करोड़ 18 लाख रुपए कैश भी बरामद किए गए. एनएचएआई और प्राइवेट निर्माण कंपनी के बीच रिश्वतखोरी के खेल में आधा दर्जन अफसर समेत 12 लोगों पर केस दर्ज हुआ है.
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बिल पास कराने के लिए चलता था घूस का खेल
सीबीआई को सूचना मिली कि निर्माण कंपनी आरकेएससीपीएल को एनएचएआइ मुजफ्फरपुर के तहत पड़ने वाले एनएच-119 डी के तहत ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट ताल दशारा से बेला नवादा के बीच के निर्माण का काम मिला था. इसके बिल के भुगतान के लिए रिश्वतखोरी का खेल चल रहा था. 20 नवंबर 2024 को इस कंपनी के एक कर्मी वरुण ने एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ललित कुमार के वाराणसी स्थित घर में जाकर घूस की राशि पहुंचायी थी. हवाला के जरिए पैसा मैनेज हुआ था जो मुजफ्फरपुर के ठेकेदार पप्पू सिंह ने अरेंज किया था.
50 करोड़ के दो बिल होने थे पास
इस कंपनी के दो बिल पेंडिंग थे. ये दोनों बिल पास होने पर कंपनी को 50 करोड़ रुपए मिलने थे. होली के दौरान 12 मार्च को ललित कुमार को 10 लाख और अंशुल ठाकुर को 2 लाख रिश्वत मिले थे जो बरुण कुमार ने दिए थे. अब रामप्रीत पासवान को 20 लाख और कुमार सौरभ को पांच लाख रुपए मिलना था जिसकी डील हुई थी.
रिश्वत लेते जीएम गिरफ्तार
सीबीआई पिछले दो दिनों से ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. सूत्रों के अनुसार, एनएचएआइ के गिरफ्तार हुए जीएम निर्माण कंपनी से एक ठेके के बिल के भुगतान के संबंध में रिश्वत ही ले रहे थे जब सीबीआई ने जाल बिछाकर उन्हें धर दबोचा. रिश्वत दे रहे राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी के जीएम समेत तीन अन्य भी गिरफ्तार कि गए.