Bihar: बिहार में बनेगा न्यूक्लियर पावर प्लांट, मोदी सरकार ने बिहार को दिया एक और तोहफा

Bihar: केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने के लिए अपनी सहमति दे दी है. इस बात की जानकारी देते हुए केद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि आने वाले समय में देश को और अधिक पावर की जरूरत होगी. इसे पूरा करने के लिए हम सभी राज्यों में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना करना चाहते हैं.

By Prashant Tiwari | June 24, 2025 3:33 PM
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Bihar: बिहार पहुंचे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़ा ऐलान किया है. मंगलवार को राजधानी पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने के लिए सहमति दी है. केंद्र सरकार इस परियोजना में बिहार सरकार को पूरी तरह से मदद करने के लिए तैयार है.पूरे देश में छह स्मॉल माड्यूलर रिएक्टर लगाने की योजना है. जिसमें से एक प्लांट बिहार में लगाया जाएगा.  केद्रीय मंत्री खट्टर ने आगे कहा कि आने वाले समय में देश को और अधिक पावर की जरूरत होगी. इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए हम सभी राज्यों में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना करना चाहते हैं.

क्या होता है न्यूक्लियर पावर प्लांट? 

न्यूक्लियर पावर प्लांट एक प्रकार का बिजली संयंत्र है जो परमाणु ऊर्जा का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करता है. इसमें परमाणु अभिक्रियाओं के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, जो गर्मी पैदा करती है. इस गर्मी का उपयोग भाप बनाने के लिए किया जाता है, जो टरबाइन को घुमाती है और बिजली उत्पन्न करती है. न्यूक्लियर पावर प्लांट एक स्वच्छ और कुशल ऊर्जा स्रोत है, जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकता है. भारत में भी कई न्यूक्लियर पावर प्लांट हैं, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. 

देश में फिलहाल इन जिलों में है न्यूक्लियर पावर प्लांट

भारत में वर्तमान में 7 न्यूक्लियर पावर प्लांट हैं. जो 8 अलग-अलग स्थानों पर फैले हुए हैं और इनमें कुल 22 न्यूक्लियर रिएक्टर हैं. इन संयंत्रों से 7380 मेगावाट बिजली तैयार की जाती है. । आइए जानते हैं इन संयंत्रों के बारे में:

तारापुर, महाराष्ट्र: तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन भारत के सबसे पुराने बिजली स्टेशनों में से एक है, जिसकी स्थापना 1969 में हुई थी.

रावतभाटा, राजस्थान: रावतभाटा में पहला रिएक्टर दिसंबर 1973 में 100MW की स्थापित क्षमता के साथ चालू किया गया था. 

कुडनकुलम, तमिलनाडु: कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा केंद्र भारत का सबसे बड़ा विद्युत संयंत्र है, जिसकी क्षमता 2000MW बिजली पैदा करने की है. 

काकरापुर, गुजरात: काकरापुर पावर स्टेशन का संचालन 1993 में किया गया था और इसकी क्षमता 440MW बिजली पैदा करने की है.

कैगा, कर्नाटक: कैगा परमाणु ऊर्जा संयंत्र कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में काली नदी के पास स्थित है और इसकी क्षमता 880MW बिजली पैदा करने की है.

नरोरा, उत्तर प्रदेश: नरोरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में नरोरा में स्थित है और इसकी क्षमता 440MW बिजली पैदा करने की है. 

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कलपक्कम, तमिलनाडु: कलपक्कम परमाणु ऊर्जा केंद्र भारत का पहला पूरी तरह से स्वदेशी रूप से निर्मित परमाणु ऊर्जा केंद्र है, जिसकी क्षमता 440MW बिजली पैदा करने की है. इन संयंत्रों के अलावा, भारत सरकार देश में न्यूक्लियर पावर प्लांट की संख्या को और अधिक बढ़ाने की तैयारी कर रही है और 10 और पावर रिएक्टर बनाए जा रहे हैं. 

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