प्रहलाद कुमार
स्कूल के समय बच्चों से काम कराने वाले होंगे चिन्हित
बंधुआ मजदूरी कराने पर सख्त नियम हैं. वहीं, विभाग का भी मानना है कि बंधुआ मजदूरी अब नहीं कराया जाता है. शहरों में रहने वाले अधिकांश लोग गांव से 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को लाकर घरों का काम कराते है.इस काम के एवज में उसे पैसा और रहने के लिए थोड़ी सी जगह मिलती हैं और इन्हें 24 घंटे काम करना पड़ता है. नहीं करने पर इन्हें मारा-पीटा भी जाता है.
बाल श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन आधि नियम 1986 की धारा 14 के अनुसार बाल श्रम करवाने वाले नियोक्ता को तीन माह से एक वर्ष तक का कारावास या 10 हजार से 20 हजार तक का जुर्माने लगाने का प्रावधान है. विभाग के मुताबिक 14 साल से कम उम्र के बच्चों से घरों में काम कराने के एवज में पैसा दिया जा रहा है, इसे बाल श्रम कहा जाता है.
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