आइपीएल ऑनलाइन सट्टेबाजी: बिहार के इस शहर में रहेगा बाजार गर्म, हर मैच पर लगेगा पांच करोड़ का दाव

आइपीएल ऑनलाइन सट्टेबाजी चाय की टपरी से लेकर कॉलेज के कैंटीन तक युवाओं में आइपीएल को लेकर गजब क्रेज देखा जा रहा है. सभी एक दूसरे से किस बेटिंग एप पर रुपये लगाना है इसकी चर्चा करते दिख रहे हैं.

By RajeshKumar Ojha | March 21, 2025 7:50 PM
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चंदन सिंह, मुजफ्फरपुर

आइपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के 18 वें सीजन की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है. दो माह तक चलने वाले क्रिकेट के इस महाकुंभ में जिले में ऑनलाइन व ऑफलाइन सट्टेबाजी का बाजार काफी गर्म रहेगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि रोजाना एक मैच पर पांच से सात करोड़ से अधिक की रकम दाव पर लग सकती है. बताया जाता है कि शहर में ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए तीन दर्जन से अधिक बुकी के पास अलग- अलग सट्टेबाजी एप का मास्टर आइडी है.

ये सट्टेरियों को हर मैच पर रुपये लेकर उसको क्वाइन बचेंगे. आफलाइन भी दो दर्जन से अधिक जगहों पर सट्टेबाजी किए जाने की संभावना है. चाय की टपरी से लेकर कॉलेज के कैंटीन तक युवाओं में आइपीएल को लेकर गजब क्रेज देखा जा रहा है. सभी एक दूसरे से किस बेटिंग एप पर रुपये लगाना है इसकी चर्चा करते दिख रहे हैं. इसको लेकर एक्सपर्ट्स ने चेतावनी देते हुए कहा है कि 22 मार्च से 25 मई तक चलने वाले आइपीएल में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ एक बार फिर से अपने चरम पर पहुंच जाएगा.

डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अवैध सट्टेबाजी व जुए से हर साल 100 अरब डॉलर से अधिक की रकम जमा होती है और यह सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ता जा रहा है. मुजफ्फरपुर जिले में भी ऑनलाइन सट्टेबाजी आइपीएल के दौरान काफी बढ़ जाएगा.

दुबई व पाकिस्तान में बैठे मास्टरमाइंड इस तरह करते हैं प्रचार

दुबई, पाकिस्तान, स्विटजरलैंड समेत अन्य देशों में बैठे अवैध बेटिंग ऐप के ऑपरेटर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के इस्तेमाल से ”best IPL betting site” या ”online casino without KYC” टैगलाइन के साथ अपनी साइट का प्रचार करते हैं ताकि लोग इनके झांसे में आ जाए.

ये व्हाट्सएप , इंस्टाग्राम और टेलीग्राम जैसे ऐप का भी जमकर इस्तेमाल करते है. ऐसे लोग जिनके फॉलोअर्स की संख्या लाखों में हैं, वे ऐसे बेटिंग ऐप के प्रचार के लिए अपने अकाउंट का इस्तेमाल भी करते हैं. जिले के 45 प्रतिशत से अधिक 18 से 40 साल के यूथ इस तरह के बेटिंग एप पर रुपये लगाते हैं. टॉस से लेकर हर बॉल, रन, विकेट, कैच, पचासा, शतक पर बुकी रुपये लगाते हैं.

हाइटेक हो गए सट्टेबाज

पहले सट्टेबाज सट्टे की पर्ची देते थे, लेकिन अब वे भी हाइटेक हो गए हैं. वे अब मोबाइल और लैपटॉप से सट्टे के नंबर लगाने के साथ ही ऑनलाइन सट्टा लगा रहे हैं. साथ ही सट्टा लगाने वालों को पर्ची देना भी अब बंद कर दिया है.सीधा सोशल मीडिया पर ही नंबर लिख रहे हैं, ताकि पुलिस की पकड़ में न आएं. इसके साथ ही अन्य नई तकनीक से सट्टा खिलाया जा रहा है. बड़े शहरों में बैठे बुकी छोटे-छोटे कस्बों व शहरों में अपनी लाइन्स देते हैं. ये लाइन्स विशेष आइडी व पासवर्ड से खुलती हैं. साथ-साथ नए तरीकों में ये बुकी एप व विशेष वेबसाइटों द्वारा भी इस कारोबार को संचालित करते है.

मैच शुरू होते ही खुलता है भाव

मैच शुरू होते ही भाव खुलता है और फिर सटोरिये संचालकों के पास कॉल कर दांव लगाते हैं. उनसे रकम भी ऑनलाइन यूपीआइ से जमा कराई जाती है और जीतने पर भुगतान भी इसी माध्यम से किया जाता है. कुछ सट्टेबाजों ने व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए हैं. इसमें किसी को भी जोड़ा जाता है, जब ग्रुप का कोई सदस्य उसे जानता हो.

प्रोटेक्शन गैंग नए लड़को के बीच बेचता है बेटिंग एप का आइडी

प्रोटेक्शन गैंग से जुड़े लड़के आइपीएल के दौरान काफी एक्टिव हो जाते हैं. ये बुकी के द्वारा दिये गये आइडी को स्कूल व कॉलेज के नए लड़कों को बेचते हैं. इसके एवज में शहर में बैठे छोटे बुकी उनको रुपये देता है. इसके अलावा ऑफलाइन सट्टेबाजी में जो रुपये अगर बाजी हारने वाले के पास फंस जाता है तो उसको वसूलवाने में भी प्रोटेक्शन गैंग का सहारा लिया जाता है.

ऑफलाइन में इन इलाकों में सक्रिय रहते हैं सट्टेरी

महराजी पोखर, बनारस बैंक चौक, अघोरिया बाजार ओरिएंट क्लब, चंदवारा, लकड़ीढ़ाही, शेखपुर ढाब, बैरिया फिल्ड, संजय सिनेमा रोड, माड़ीपुर , अहियापुर में सहबाजपुर, भगवानपुर, मिठनपुरा के नकुलवा चौक, रामबाग, शेरपुर , हरिसभा चौक ओवरब्रिज के नीचे, पांडेय गली, सिकंदरपुर कुंडल, बालूघाट , लकड़ीढाही, सोनारपट्टी, सूतापट्टी आदि जगहों पर सट्टेरी सक्रिय रहते हैं.

ऐसे चलता है ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल

– दूसरे देश में बैठा माफिया बनाता है बेवसाइड

– नेटवर्क मार्केटिंग के माध्यम से बढ़ता है नेटवर्क

– मास्टर आइडी सरगना के पास रहता है

– वह सुपर आइडी जिले के बुकी को बेचता है

– एक हजार से लेकर करोड़ तक का सुपर आइडी करता है जनरेट

– सट्टा लगाने के लिए एक क्वाइन खरीदने को देने पड़ते है एक रुपये

– जीतने पर लोकल बुकी देता है विनिंग राशि

– एक मास्टर आइडी से सैकड़ों सट्टेरी का आइडी करता है जनरेट

– ऑनलाइन सट्टेबाजी का यह वेबसाइट है फेमस 

प्रोबेट एक्स

किंग ऑनलाइन

स्काई एक्सचेंज

ऑल एक्सचेंज

डायमंड एक्सचेंज

20 विकेट्स डॉट कॉम

आइपीएल के दौरान सट्टेरियों पर पुलिस की नजर रहेगी. अगर कोई बुकी शहर से ऑनलाइन या ऑफलाइन सट्टेबाजी को ऑपरेट करेगा तो उनको चिन्हित करके गिरफ्तार किया जाएगा. विश्वजीत दयाल, सिटी एसपी

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