संवाददाता, पटना बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी पत्र के माध्यम से बिहार के छह लाख शिक्षकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने का विरोध किया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल सिंह ने कहा कि निदेशक द्वारा जारी आदेश में शिक्षकों को सोशल मीडिया पर विभागीय नीतियों पर टिप्पणी करने से प्रतिबंधित किया गया है. यह आदेश न केवल संविधान विरोधी है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन भी है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1)(ए) प्रत्येक नागरिक को विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है. शिक्षक, सरकारी कर्मी होने के बावजूद, नागरिक हैं और उन्हें भी अपने अधिकारों की रक्षा एवं समस्याओं को उजागर करने का पूरा अधिकार है. यह आदेश शिक्षकों की आवाज को दबाने और उन्हें मानसिक रूप से गुलाम बनाने का प्रयास है. मुख्यमंत्री से इस तानाशाही आदेश पर अविलंब हस्तक्षेप करने और निरस्त करने की मांग की है.
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