डॉ. सुमन ने कहा कि कश्मीर, जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है, वहां इस तरह की कायरतापूर्ण हरकतें न केवल शांति प्रक्रिया को बाधित करती हैं बल्कि हमारे राष्ट्रीय संकल्प की भी परीक्षा लेती हैं. उन्होंने कहा, “यह नया भारत है जहां आतंक को बख्शा नहीं जाएगा. जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी. आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई किसी भी परिस्थिति में कमजोर नहीं होगी.
आगे उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में वे शोक-संतप्त परिवारों के साथ हैं. निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाना आतंकवाद की सबसे निचली और अमानवीय मानसिकता को दर्शाता है. ऐसी घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर हमें और अधिक सतर्क और संगठित होने की आवश्यकता है.
डॉ. सुमन ने यह भी कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, एकजुटता का है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील करते हुए कहा कि आतंकियों के खिलाफ सख्त और ठोस कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसा कायराना कृत्य दोबारा न हो सके. उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “देश के नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और यह सुनिश्चित करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.”
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