Paras Hospital Murder Case: क्रिकेट से गैंगवार तक, कैसे दोस्त बना दुश्मन और फिर बनी चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश?

Paras Hospital Murder Case: सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि उस अपराध संस्कृति का चेहरा है जो दोस्ती से शुरू होकर गैंगवार में तब्दील हो जाती है. चंदन मिश्रा और शेरू सिंह की कहानी इस बात की मिसाल है कि अपराध की दुनिया में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, सिर्फ फायदे और वर्चस्व की लड़ाई होती है. अब देखना यह है कि पुलिस इस केस को कितनी तेजी से अंजाम तक पहुंचा पाती है.

By Pratyush Prashant | July 18, 2025 1:49 PM
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हाइलाइट:

Paras Hospital Murder Case: बिहार की राजधानी में दिनदहाड़े ICU के भीतर हुई चंदन मिश्रा की हत्या ने न सिर्फ अपराधियों की हिम्मत, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. अब इस बहुचर्चित Paras Hospital Murder Case में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. ADG (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस हत्याकांड की साजिश शेरू सिंह उर्फ ओंकार नाथ सिंह ने जेल से रची थी. वहीं, चार शूटरों की पहचान भी हो चुकी है, जिन्होंने अस्पताल में घुसकर चंदन मिश्रा को गोलियों से छलनी कर दिया.

एक साथ क्रिकेट खेला, फिर साथ अपराध किए और अब हत्या तक पहुंची दुश्मनी

इस हत्याकांड की पृष्ठभूमि किसी फिल्मी कहानी जैसी है. बक्सर के सिमरी गांव का रहने वाला शेरू और पास के ही सोनबरसा गांव का चंदन मिश्रा कभी घनिष्ठ मित्र हुआ करते थे. दोनों की दोस्ती क्रिकेट मैदान से शुरू हुई थी. लेकिन वक्त के साथ दोनों ने साथ मिलकर रंगदारी, लूट और हत्या जैसे अपराधों की दुनिया में कदम रख दिए.

साल 2009 में क्रिकेट खेलते हुए अनिल सिंह नाम के युवक से हुए विवाद ने इनकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी. दोनों पर हत्या का आरोप लगा और नाबालिग होने के कारण उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया. यहीं से इनकी आपराधिक साझेदारी की नींव पड़ी.

टकराव में बदली दोस्ती, जेल से रची गई साजिश

ADG कुंदन कृष्णन के मुताबिक, समय के साथ शेरू और चंदन के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई. जो कभी साझेदार थे, वे अब एक-दूसरे के खिलाफ गैंग खड़ा करने लगे. आपसी प्रतिस्पर्धा धीरे-धीरे दुश्मनी में बदल गई.

चंदन की हत्या इसी दुश्मनी का नतीजा थी. पुलिस जांच में साफ हुआ है कि शेरू सिंह, जो फिलहाल जेल में बंद है, ने अपने नेटवर्क के जरिए चंदन को खत्म करने की योजना बनाई. उसी के इशारे पर शूटरों की टीम ने Paras Hospital में पहुंचकर ICU में घुसते ही गोलियों से हमला कर दिया.

कौन हैं हत्यारे? कैसे मिला पिस्टल और मदद?

पुलिस ने हत्या में शामिल चारों शूटरों की पहचान कर ली है. CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया गया है. ADG के अनुसार, जल्द ही सभी की गिरफ्तारी होगी.

सिर्फ शूटर ही नहीं, बल्कि उन लोगों की भी पहचान कर ली गई है जिन्होंने इस गैंग को हथियार, गाड़ी, ठिकाना और आर्थिक मदद दी. यानी यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि एक सुनियोजित गैंगवार की कहानी है.

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हॉस्पिटल की सुरक्षा पर भी सवाल

Paras Hospital जैसी नामी संस्था की सुरक्षा व्यवस्था पर भी इस वारदात ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. ICU जैसे संवेदनशील क्षेत्र में शूटरों का हथियार लेकर घुसना और फिर फरार हो जाना यह बताता है कि अंदर से भी सहयोग मिला हो सकता है.

पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है और अस्पताल प्रबंधन से जवाब-तलब किया गया है. ADG कुंदन कृष्णन ने बताया कि इस केस में कई कड़ियों को जोड़ा जा चुका है और जल्द ही पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश होगा. हत्या की प्लानिंग जेल के अंदर से की गई थी और यह एक गैंग के अंतर्गत आपसी रंजिश का नतीजा है.

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