अब तक नहीं उठाए गए ठोस कदम
कुल मिलाकर देखा जाए तो, लैंडिंग के दौरान रोंगटे खड़े हो जाते हैं. बता दें कि, कई बार पटना एयरपोर्ट पर प्लेन के पक्षियों से टकराने की खबर सामने आती है, जिसके कारण परेशानी पैसेंजर्स को झेलनी पड़ती है. खबर की माने तो, पटना एयरपोर्ट से जुड़ी दिक्कतों को लेकर कई बार संबंधित विभाग को सूचित किया गया है. एयरपोर्ट के विस्तार और रनवे की दिशा बदलने की मांग की मांग की गई. लेकिन, अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण परेशानी बनी हुई है. दिन के समय पक्षियों की गतिविधियां बनी रहती है तो वहीं रात के समय वाहनों की आवाजाही. वाहनों के हेडलाइट के कारण पायलेट्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दरअसल, विजिबिलिटी प्रभावित होने के कारण लैंडिंग में परेशानी होती है.
एयरपोर्ट का सही इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद जरूरी
हालांकि, पायलट की सूझबूछ के कारण कई हादसे टले हैं. लेकिन, पटना एयरपोर्ट पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए सही इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद जरूरी है. बता दें कि, पटना एयरपोर्ट के आस-पास घनी आबादी है. वहीं, यह एयरपोर्ट सबसे व्यस्ततम एयरपोर्ट में से एक है. हर दिन लगभग 30 से 34 उड़ानों का संचालन किया जाता है. हजारों की संख्या में यात्रियों का आवागमन होता है. ऐसे में सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम करना बेहद जरूरी है. छोटी सी चूक में बड़ा हादसा हो सकता है. ऐसी परिस्थितीयों को देखते हुए जल्द ही कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
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