लोगों की सुविधा के लिए पटना शहर में आर ब्लॉक से दीघा के बीच 6.3 किमी बनी लंबी अत्याधुनिक सड़क ‘अटल पथ’ पटना का सबसे डेंजर जोन बन गया है. आये दिन यहां होने वाली सड़क दुर्घटनाएं यह साबित करती हैं, कि हम खुद के प्रति कितने लापरवाह हैं. आर ब्लॉक से दीघा के बीच इस सड़क पर करोड़ों की लागत से चार जगह फुट ओवरब्रिज भी बनाये गये हैं, पर वर्तमान में लोग इसका इस्तेमाल केवल रील्स बनाने के लिए करते हैं. जबकि युवा से लेकर बुजुर्ग सड़क पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज नहीं, बल्कि रेलिंग का प्रयोग कर दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते हैं.
लापरवाही : युवा के साथ बुजुर्ग भी सड़क पार करने के लिए फुट ओवरब्रिज नहीं, रेलिंग पर चढ़ होते हैं पार
बर्बादी : अटल पथ पर करोड़ों रुपये की लागत से बने चार फुट ओवरब्रिज, रील्स बनाने तक रह गयी है सीमित
सहुलियत : ओवरब्रिज पर चढ़ने के लिए बुजुर्गों के लिए लगायी गयी थी लिफ्ट, कुछ दिनों बाद ही हो गयी बंद
25 दिन में दो बड़ी घटनाएं, फिर भी नहीं चेत रहे लोग
- केस : 1
- 15 फरवरी को अटल पथ के इंडस्ट्रियल एरिया में एक थार चालक ने साइकिल सवार कामाख्या प्रसाद को टक्कर मार दिया. जिससे वह 20 फीट की दूरी पर जा गिरे और उनकी मौत हो गयी. वहीं डिवाइडर का रॉड थार चालक के बायीं ओर सीने से ऊपर और कंधे के बीच घुसकर आर-पार हो गया था.
- केस : 2
- 11 मार्च को अटल पथ शिवपुरी पानी टंकी के पास दीघा से तेज रफ्तार से आ रही एंडेवर कार डिवाइडर तोड़ते हुए हवा में उड़ गयी और फुटओवर ब्रिज से टकरा कर पलट गयी. कार में चार लोग सवार थे. तीन को निकाल लोगों ने तुरंत आनन-फानन में ऑटो से हॉस्पिटल भेज दिया, जबकि चौथा युवक के कमर में रॉड जा घुसा.
- रॉन्ग साइड में ड्राइविंग और कहीं से भी सड़क पार करना
- पूरे फ्लाइओवर और रास्ते में पुलिस गश्ती का नहीं होना, अस्थायी ट्रैफिक पुलिस चौकी में लटका है ताला.
- सीसीटीवी कैमरे की मॉनीटरिंग व स्पीडो मीटर, स्पीड गन आदि की व्यवस्था नहीं
- बाइकर्स गैंग का उत्पात
पटना में सड़क हादसों का हॉटस्पॉट बना अटल पथ
आर ब्लॉक से दीघा तक जाने वाले अटल पथ पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. यहां होने वाले हादसों के एक नहीं, बल्कि कई कारण हैं. सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीडिंग है. इसके अलावा मुख्य फ्लैंक पर गलत लेन में ड्राइविंग करना भी एक प्रमुख कारण है. अधिकांश लोग जान पर खेल कर सड़क पार करते हैं, पर फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इस कारण भी इस सड़क पर दुर्घटनाएं होती हैं. स्थिति यह है कि अब फुट ओवरब्रिज केवल रील्स और फोटोग्राफी बनाने के लिए बनकर रह गया है. अटल पथ पर पिछले तीन महीने में एक दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें चार लोगों की मौत हुई है. रविवार की रात को ही सेल्स टैक्स के असिस्टेंट कमिश्नर की जान दुर्घटना में चली गयी. प्रभात खबर संवाददाता ने सोमवार को अटल पथ की पड़ताल की, तो दुर्घटना के कई कारण सामने आये.
अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग अटल पथ पर फुट ओवर ब्रिज के नीचे से जाते लोग रील्स और फोटोग्राफी के लिए बनकर रह गया फुटओवब्रिज
अटल पथ पर बना फुट ओवरब्रिज अब केवल रील्स और फोटोग्राफी के लिए बनकर रह गया है. लोग इस पर पूरे दिन खड़े होकर फोटोग्राफी कराने के अलावा रील्स बनाते रहते हैं. वहीं सड़क पार करने के लिए लोग रेलिंग को पार कर जाते हैं, जिसका नतीजा यह होता है कि तेज रफ्तार कार के सामने अचानक से कोई शख्स सामने आ जाता है. इस वजह से अनियंत्रित होकर या तो कार सड़क हादसे का शिकार हो जाती है या फिर सड़क पार करने वाले शख्स की जान चली जाती है.
बुजुर्गों के लिए बनी लिफ्ट कुछ दिन बाद ही बंद
बुजुर्ग लोगों के लिए फुटओवर ब्रिज के पास लिफ्ट बनायी गयी थी, ताकि उन्हें सीढ़ी न चढ़नी पड़े, लेकिन अटल पथ पर बने चार फुट ओवरब्रिज के सभी लिफ्ट खराब हो गये हैं. सभी के तार और लाइटों को असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया है. किसी का जेनरेटर खराब है, तो किसी की लिफ्ट खराब है. लिफ्ट को संचालित करने के लिए गार्ड को रखा गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद न गार्ड दिखे, न ही लिफ्ट संचालित हुई.
रफ्तार 120 के पार, स्पीडो मीटर कहीं नहीं
अटल पथ पर 24 घंटे वाहन चलते हैं. कई वाहनों की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा के पार होती है. रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए न तो यहां पुलिस की व्यवस्था है और न ही स्पीडो मीटर है. रविवार की देर शाम जिस कार की चपेट में असिस्टेंट कमिश्नर आये थे, उस कार की स्पीड 110 किमी प्रति घंटा थी.
हादसे होने के ये भी हैं कारण
फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल जरूरी
रॉन्ग साइड से गाड़ी चलाना, फुटओवर ब्रिज रहते हुए रेलिंग छलांग कर सड़क पार करना और तेज रफ्तार में वाहन चलाना यह लापरवाही है. इन्हीं कारणों से ही ज्यादातर हादसे होते हैं. ट्रैफिक पुलिस द्वारा रॉन्ग साइड और तेज रफ्तार पर तो चालान लगा कर लगाम लगायी जा सकती है, लेकिन फुटओवर ब्रिज का इस्तेमाल करना यह लोगों को खुद से समझना होगा.
– अशोक कुमार चौधरी, ट्रैफिक एसपीअफसोस : बिना इस्तेमाल जर्जर हो रही 13 करोड़ की ओवरब्रिज
अटल पथ पर 13 करोड़ से अधिक की लागत से बनाये गये चार फुटओवर ब्रिज की हालत इन दिनों जर्जर हो गयी है. बुजुर्गों के लिए लगाये गये सभी लिफ्ट खराब पड़े हैं. कहीं पार्किंग, अतिक्रमण कर लिया गया है, तो कहीं गंजेड़ियों का अड्डा बन गया है. इतना ही नहीं फुटओवर ब्रिज पर लगी सभी लाइटों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. इन सभी पर किसी का ध्यान नहीं है.
1- एन कॉलेज-महेश नगर फुट ओवरब्रिज: सबसे ज्यादा आबादी के बीच बने इस ओवरब्रिज का इस्तेमाल इन दिनों रील्स और फोटोग्राफी के लिए किया जा रहा है. इसमें लगे दोनों छोर का लिफ्ट खराब है. बिजली के तार उखड़े पड़े हैं, जिसके कारण लिफ्ट बंद पड़ा है. ब्रिज पर लगे स्ट्रीट लाइट को तोड़ दिया गया है. लिफ्ट के सामने पार्किंग बना दिया गया है. इसके अलावा लोगों ने अतिक्रमण कर वहां सामान रखना शुरू कर दिया है.
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पुनाइचक पुनाइचक पुनाइचक 3- पुनाइचक : यहां लिफ्ट नहीं है, लेकिन लगाये गये लाइट और तार को असामाजिक तत्वों ने खराब कर दिया है. पूरे ओवरब्रिज पर सिगरेट, गुटखा और अन्य मादक पदार्थों के पैकेट पड़े हैं. पुनाइचक के पास अधिक आबादी होने के कारण सोमवार को थोड़े बहुत लोग ओवरब्रिज का इस्तेमाल करते दिखे, लेकिन बुजुर्गों को सड़क पार करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
आर-ब्लॉक आर-ब्लॉक आर-ब्लॉक आर-ब्लॉक आर-ब्लॉक आर-ब्लॉक आर-ब्लॉक आर-ब्लॉक आर-ब्लॉक 4- आर-ब्लॉक: यहां की लिफ्ट बनने के बाद आजतक कभी चलाया ही नहीं गया. उद्घाटन के बाद आम लोगों के इस्तेमाल के लिए इसे अब तक खोला नहीं गया है. नतीजा यह हुआ कि यह लिफ्ट कभी शुरू ही नहीं हुआ और आज यहां असामाजिक तत्वों ने अपना अड्डा बना लिया है.
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