बता दें, बीते 31 मई को हुए प्रशासनिक फेरबदल में डॉ चंद्रशेखर सिंह को पटना प्रमंडलीय आयुक्त बनाया गया. वहीं, गया के जिलाधिकारी रहे डॉ त्यागराजन एस.एम को पटना का जिलाधिकारी बनाया गया है.
कौन हैं पटना के नए डीएम डॉ त्यागराजन?
डॉ. त्यागराजन एसएम की प्रशासनिक यात्रा की शुरुआत पूर्णिया से हुई, जहां उन्होंने प्रशिक्षु आईएएस के रूप में कार्य किया. फिर पटना सिटी में एसडीओ के रूप में अपनी पहली नियुक्ति पाई. इसके बाद वे बिहारशरीफ नगर निगम के आयुक्त बने और वहां स्वच्छता के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किए. अगस्त 2015 में उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने गृह जिला नालंदा का जिलाधिकारी बनाया. यहां उन्होंने राजगीर के भूई गांव में ठोस कचरा प्रबंधन की बेहतरीन योजना बनाई, जो देश-विदेश में सराही गई. नालंदा को स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल कराना हो या मॉडल गांव चम्हेडा का विकास, डॉ. त्यागराजन का योगदान उल्लेखनीय रहा. उनके कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में उन्हें सम्मानित किया था.
दरभंगा को मिली नई पहचान
फरवरी 2019 में वे दरभंगा जिले के डीएम बने. यहां उन्होंने अपने मजबूत प्रशासनिक निर्णयों और दूरदर्शिता से जिले को एक नई पहचान दी. फेम इंडिया और एशिया पोस्ट के सर्वे में उन्हें दस मापदंडों पर “विलक्षण” श्रेणी का अधिकारी घोषित किया गया. उनकी जवाबदेही, संवेदनशीलता और तेज निर्णय क्षमता की व्यापक सराहना हुई.
तमिलनाडु से बिहार तक का सफर
डॉ. त्यागराजन एसएम का जन्म 20 दिसंबर 1984 को तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुआ. मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे त्यागराजन के पिता एस मोहन राम और माता उमा देवी हैं. उन्होंने 2008 में एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की डिग्री ली. इसके बाद 2010 में उन्होंने आईपीएस बनकर ओडिशा में एएसपी के रूप में सेवा दी. लेकिन प्रशासनिक क्षेत्र में गहराई से काम करने की ललक ने उन्हें 2011 में आईएएस की ओर मोड़ा और वे इस परीक्षा में सफल रहे.
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