5000 करोड़ रुपये की लागत से बना फोरलेन
जानकारी के मुताबिक, यह फोरलेन बोधगया जैसे विश्वविख्यात पर्यटन स्थल तक पहुंच को सरल बनाएगा. इधर, इस परियोजना को लेकर लागत की बात की जाए तो, कुल लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसमें से 2000 करोड़ रुपये सीधे निर्माण कार्य में लगाए गए, जबकि शेष राशि मुख्यतः भूमि अधिग्रहण में खर्च हुई. खबर है कि, इस परियोजना के पूरा होने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. हालांकि, तीन चरणों में इसके काम को पूरा किया गया. पहले चरण में 39 किलोमीटर सड़क बनी, जिसकी लागत लागत 650 करोड़, दूसरे चरण में 44 किलोमीटर सड़क, जिसकी लागत 496 करोड़ तो वहीं आखिरी और तीसरे चरण में 44 किलोमीटर सड़क, जिसकी लागत 465 करोड़ रुपये है.
इस महीने हो सकता है उद्घाटन
खबर की माने तो, शुरूआत में इस फोरलेन की लागत कम थी लेकिन समय के अनुसार लागत में इजाफा होता गया. बता दें कि, पहली निर्माण एजेंसी की वित्तीय स्थिति बिगड़ने पर उसने कार्य अधूरा छोड़ दिया. लेकिन, इसके बाद पटना हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से नई एजेंसी को जिम्मेदारी दी गई. जिसके बाद कोर्ट ने दिसंबर 2022 और फिर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया, जो पूरा नहीं हो सका. वहीं, अच्छी खबर यह है कि, इसी महीने यानी कि मई महीने में ही इस फोरलेन की शुरूआत कर देने की संभावना जताई जा रही है. इस रूट पर कुल 5 रेल ओवरब्रिज बनाए गए हैं- पहले चरण में पटना से मसौढ़ी के बीच दो, दूसरे में जहानाबाद में एक और तीसरे चरण में गया बाईपास पर दो आरओबी. जल्द ही फोरलेन का बिहारवासियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन कर दिया जाएगा.
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