NDRF और ADM की टीम मौके पर
जिलाधिकारी को जैसे ही जानकारी मिली, उन्होंने फौरन एडीएम आपदा प्रबंधन डीपी शाही और एनडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा. रातों-रात सुरक्षा के मद्देनजर आवश्यक कदम उठाए गए और गड्ढे से सटे घरों को खाली कराया गया. राहत की बात यह रही कि समय रहते कार्रवाई हो गई जिससे किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका टल गई.
क्षेत्र की कराई गई घेराबंदी
रविवार सुबह करीब 8:30 बजे खुद डीएम मौके पर पहुंचे और स्थिति का मुआयना किया. स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि बिल्डर ने दो-तीन घरों से सटे हुए गड्ढे में पानी भर जाने के कारण घरों की नींव को खतरा हो गया है. जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से उस क्षेत्र की घेराबंदी करवा दी और अन्य जोखिम वाले मकानों को भी खाली करने का निर्देश दिया.
जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय कमेटी
डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर नगर आयुक्त, सदर डीसीएलआर और एडीएम (आपदा प्रबंधन) की तीन सदस्यीय समिति गठित की है. यह समिति यह जांच करेगी कि क्या बिल्डर ने निर्माण से संबंधित बायलाज और आपदा प्रबंधन नियमों का पालन किया या नहीं. नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
निर्माण स्थलों पर बढ़ेगी निगरानी
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की घटनाएं शहर के किसी अन्य हिस्से में न हों, इसके लिए सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को सतर्क रहने और निर्माण कार्यों की निगरानी का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
ALSO READ: Bihar Crime: छपरा के व्यापारी पर पेट्रोल बम से हमला, जमीनी विवाद में हमले का आरोप