दुर्लभ पांडुलिपियों का खजाना है खुदा बख्श लाइब्रेरी, अकबर कालीन तिमुर्नमा देखने आते हैं विदेशी शोधार्थी

Patna News: खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी में 21000 से अधिक दुर्लभ पांडुलिपियों और 2.5 लाख मुद्रित पुस्तकों का विशाल संग्रह है. यहां 1584 में मुगल सम्राट अकबर का बनवाया हुआ तिमुर्नमा की मूल पांडुलिपि मौजूद है.

By Ashish Jha | August 29, 2024 11:29 AM
an image

Patna News: पटना. पटना के खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी में दुर्लभ पांडुलिपियों का खजाना है. इस लाइब्रेरी में 21000 से अधिक दुर्लभ पांडुलिपियों और 2.5 लाख मुद्रित पुस्तकों का विशाल संग्रह है. यहां 1584 में मुगल सम्राट अकबर का बनवाया हुआ तिमुर्नमा की मूल पांडुलिपि मौजूद है, जिसे देखने देश-विदेश से शोधार्थी यहां आते हैं. पटना शहर की शान खुदाबख्श लाइब्रेरी की स्थापना मोहम्मद खुदाबख्श खां ने की थी, जिनकी जयंती (2 अगस्त) और पुण्यतिथि (3 अगस्त) के मौके पर पूरे माह खास पांडुलिपियों का प्रदर्शन होता है. इस साल भी बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग इन शैक्षणिक धरोहरों को देखने पहुंचे.

25 पांडुलिपियों की लगी है प्रदर्शनी

दुर्लभ दस्तावेज, पुस्तक और पेंटिंग्स से सराबोर यह लाइब्रेरी न केवल शहर परंतु देश दुनिया में भी शुमार है. खुदाबख्श लाइब्रेरी की अहमियत और कीमत का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि तुर्की की लाइब्रेरी के बाद इस लाइब्रेरी को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी लाइब्रेरी के तौर पर जाना जाता है. इस साल लाइब्रेरी में लगी प्रदर्शनी में पच्चीस सचित्र पांडुलिपियों को प्रदर्शित की गई थी. जहां भारतीय चित्रकला, फारसी चित्रकला, मुगल चित्रकला, तुर्की चित्रकला, राजपूत चित्रकला व तंजौर चित्रकला को रखा गया है.

Also Read: Zoo in Bihar: बिहार में बनेगा देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर, 1500 करोड़ की लागत से 289 एकड़ में होगा निर्माण

लाइब्रेरी में करीब 21 हजार ओरिजिनल पांडुलिपि

पांडुलिपियों में शाहनामा, फतुह अल-हरमैन, खमसा निजामी, राग रागिनी, गुलिस्तां, बोस्तां, सहर अल-बयान, बरजू नामा, हमला हैदरी, कुल्लियाते सादी, हफ्त औरंग, कुरसी नामा आदि हैं. इनमें से कुछ पांच सौ साल या उससे भी पहले की हैं. ये सभी पांडुलिपियां बहुत अच्छी स्थिति में हैं और चित्र भी पूरी तरह से संरक्षित हैं. लाइब्रेरी में करीब 21 हजार ओरिजिनल पांडुलिपि व 2.9 लाख पुस्तक रखी गयी है. यहां 14 हजार से अधिक देश के प्रतिष्ठित व्यक्ति, लेखक, कवि व बुद्धिजीवियों द्वारा लिखे पत्र संजोए कर रखे गये हैं.

महात्मा गांधी के लिखे पत्रों का संग्रह

यहां 12 लाख पांडुलिपियों के डिजिटल फोलियो हैं. अंग्रेजी, उर्दू, फारसी, अरबी और तुर्की भाषाओं में 600 से अधिक शीर्षक प्रकाशित हैं. हाल ही में 43 देवी-देवताओं की पांडुलिपि पर पेंटिंग्स के संग्रह को प्रकाशित किया गया है. इसकी कीमत 2000 रुपये है. वहीं, महात्मा गांधी व अन्य 29 लोगों द्वारा लिखे पत्र के संग्रह को प्रकाशित किया गया है. यह पहल तत्कालीन निदेशक शाइस्ता खान द्वारा ली गई थी.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version