पटना में चलेगी वाटर मेट्रो
यह टास्क फोर्स राज्य में संभावित जलमार्गों की पहचान कर टर्मिनल, मल्टी टर्मिनल और इनलैंड हब निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगी. उन्होंने कहा कि इस टास्क फोर्स में शिपिंग, इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्टेशन और बिहार सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके साथ ही पटना में जल आधारित परिवहन को बढ़ावा देने के लिए वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट की भी शुरुआत की जायेगी. सोनोवाल ने बताया कि पटना में 50 करोड़ रुपये की लागत से जहाजों की मरम्मत सुविधा केंद्र की स्थापना की जा रही है. वहीं छह करोड़ रुपये की लागत से रो-पैक्स टर्मिनल और 92 लाख रुपये की लागत से गंडक नदी पर इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट की डीपीआर तैयार की जा रही है.
16 नयी कम्युनिटी जेटी बनायी जायेगी
त्रिवेणी घाट (गंगा-पुनपुन संगम) पर चार करोड़ रुपये की लागत से दो जेटी का निर्माण भी हो रहा है. इसके अलावा पटना को इनलैंड हब के रूप में विकसित करने की दिशा में 16 नयी कम्युनिटी जेटी बनायी जायेगी. कालूघाट को नेपाल तक व्यापार के लिए एक सशक्त केंद्र बनाया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पटना में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हब की स्थापना की जायेगी, जो इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा. राज्य के 12 जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे जलमार्ग विकास को लेकर अपने जिलों में प्रभावी कार्यक्रमों को लागू करें.
प्रदूषणमुक्त परिवहन की ओर एक कदम
वाटर मेट्रो और ड्रीम वैसल जैसे प्रोजेक्ट बिहार को प्रदूषणमुक्त परिवहन की दिशा में आगे ले जायेंगे. उन्होंने जानकारी दी कि अब तक 684.81 करोड़ रुपये की लागत से कई परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जबकि 479.87 करोड़ रुपये की लागत से कार्य प्रगति पर है.
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