Patna News: पटना पुलिस का वायरलेस सिस्टम और गश्ती व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है. राजधानी के रूपसपुर, शाहपुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, गर्दनीबाग, बहादुरपुर और बेऊर थानों की गश्ती टीमों ने वायरलेस पर प्रसारित निर्देशों का कोई जवाब नहीं दिया. यह घटना 21-22 जून की देर रात की है, जब वायरलेस पर लोकेशन साझा करने का निर्देश जारी किया गया था, लेकिन गश्ती टीमों ने बार-बार कॉल किए जाने के बावजूद चुप्पी साधे रखी.
इस गंभीर लापरवाही पर SSP कार्तिकेय शर्मा ने तुरंत संज्ञान लेते हुए छह पुलिस पदाधिकारियों जिनमें सब-इंस्पेक्टर और ASI स्तर के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है. इन सभी से पूछा गया है कि आखिर उन्होंने वायरलेस पर जवाब क्यों नहीं दिया.
गश्ती टीमों की चुप्पी से वायरलेस व्यवस्था की साख पर सवाल
गश्ती के दौरान वायरलेस संचार प्रणाली पुलिस की रीढ़ मानी जाती है लेकिन जब खुद गश्ती टीमें रेडियो संदेशों पर प्रतिक्रिया नहीं दें, तो कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. ऐसे में SSP का यह कदम दर्शाता है कि पटना पुलिस अपने सिस्टम को सुधारने के लिए अब ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के मूड में है.
बोरिंग कैनाल रोड फायरिंग में भी हो चुकी है लापरवाही
इससे पहले 24 मई को बोरिंग कैनाल रोड पर दिनदहाड़े हुई फायरिंग की घटना के बाद भी गश्ती टीमों की ऐसी ही चुप्पी सामने आई थी. उस समय पूर्व SSP अवकाश कुमार ने वायरलेस पर तुरंत घेराबंदी के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकतर गश्ती अफसरों ने न तो मैसेज सुना और न ही कोई रिस्पॉन्स दिया. बदमाश आराम से निकल भागे थे और पुलिस हाथ मलती रह गई थी.
जवाब नहीं देने पर सस्पेंशन तय
सूत्रों की मानें तो जिन छह अफसरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है अगर उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया, तो उनके खिलाफ निलंबन तक की कार्रवाई तय मानी जा रही है. SSP ने साफ कर दिया है कि वायरलेस पर चुप रहना या जानबूझकर जवाब न देना अब ‘सामान्य गलती’ नहीं मानी जाएगी, बल्कि इसे कर्तव्य में घोर लापरवाही माना जाएगा.
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राजधानी में दिनदहाड़े फायरिंग, स्नैचिंग, लूट और आपराधिक वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में गश्ती टीमों का सटीक लोकेशन न बताना या वायरलेस संदेशों का जवाब न देना पुलिसिंग की कमजोर कड़ी को उजागर करता है.