कई जिलों से पटना का संपर्क होगा सुगम
जिलाधिकारी ने कहा कि यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को सीधे जोड़ने का एक अहम माध्यम बनेगा, जिससे आमजन का आवागमन न केवल सुगम होगा, बल्कि पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, वैशाली और सारण जैसे प्रमुख जिलों के बीच यातायात में भी भारी सुधार आएगा. उन्होंने पुल के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण करते हुए कार्य में गुणवत्ता और गति बनाए रखने की हिदायत दी. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बीएसआरडीसी के अभियंताओं को निर्देश दिया कि कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह परियोजना बिहार की संरचनात्मक विकास योजनाओं में एक मील का पत्थर साबित होगी.
तीन खंडों में विभाजित है परियोजना
बख्तियारपुर-ताजपुर पुल और उससे जुड़ी ग्रीनफील्ड परियोजना को तीन प्राथमिकता वाले खंडों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहले प्राथमिकता 1 में समस्तीपुर के चकलालशाही से ताजपुर तक 16.2 किलोमीटर तक सड़क निर्माण कार्य (यह कार्य पूरा हो चुका है). प्राथमिकता 2 में डुमरी से चकलालशाही खंड तक 18.5 किलोमीटर लंबा मार्ग. इसके साथ ही प्राथमिकता 3 में मुख्य गंगा पुल निर्माण, पहुंच पथ, आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) समेत अन्य संरचनात्मक कार्य.
पटना आने का नया विकल्प बनेगा
पुल के मुख्य संरचना निर्माण का कार्य जोर-शोर से जारी है. उत्तरी भाग में CFT तकनीक से कार्य हो रहा है. मध्य भाग में लॉन्चिंग गैंट्री की सहायता से खंड निर्माण हो रहा है. दक्षिण भाग में क्रेन की मदद से निर्माण कार्य किया जा रहा है. यह पुल न केवल पटना और समस्तीपुर के बीच वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा, बल्कि यह NH-122 के जरिए ताजपुर से होकर वैशाली, सारण और पटना जानेवाले वाहनों के लिए भी नया विकल्प बनेगा. इससे महत्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा.
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