अब तक 729 हाई-हॉर्सपावर डीजल इंजन बनाए जा चुके हैं
वेबटेक डीजल लोकोमोटिव फैक्ट्री, जो भारतीय रेलवे और अमेरिकी कंपनी वेबटेक इंक का संयुक्त उपक्रम है, ने कुछ ही वर्षों में खुद को विश्वस्तरीय निर्माण इकाई के रूप में स्थापित कर लिया है. 2018 में शुरू हुई इस फैक्ट्री में अब तक 729 हाई-हॉर्सपावर डीजल इंजन बनाए जा चुके हैं. इनमें 4500 एचपी के 545 इंजन और 6000 एचपी के 184 इंजन शामिल हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा, “यह सिर्फ ‘मेक इन इंडिया’ नहीं, अब ‘मेक इन बिहार- मेक फॉर द वर्ल्ड’ की सशक्त शुरुआत है. यह संयंत्र न केवल देश की तकनीकी ताकत को दर्शाता है, बल्कि बिहार को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब की दिशा में भी अग्रसर कर रहा है.”
गिनी देश के तीन मंत्री कर चुके हैं दौरा
गौरतलब है कि 26 मई को गिनी देश के तीन मंत्री इस संयंत्र का दौरा कर चुके हैं. इसके बाद तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से 140 लोकोमोटिव इंजनों की आपूर्ति को लेकर एक बड़ा करार हुआ, जिसे ‘कोमो डील’ नाम दिया गया है.
भारत का सपना दुनिया की पटरियों पर दौड़ने को तैयार
226 एकड़ में फैली इस फैक्ट्री से अब भारत का सपना दुनिया की पटरियों पर दौड़ने को तैयार है. यह इकाई सिर्फ इंजनों का निर्माण नहीं करती, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और देशभर की सप्लाई चेन को मजबूती देती है. इसके 40-50% पुर्जे महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और जमशेदपुर से आते हैं, जबकि कुछ विशेष तकनीकी पार्ट अमेरिका से मंगाए जाते हैं.
अब, निर्यात के बढ़ते ऑर्डर और ग्लोबल स्टैंडर्ड गेज इंजनों की मांग को देखते हुए संयंत्र का विस्तार तेज़ी से किया जा रहा है. बिहार अब सिर्फ उपभोग नहीं, उत्पादन और निर्यात के नक्शे पर मजबूती से खड़ा हो गया है.
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