ब्लैक मार्केट में कारतूस की सप्लाइ रोकने की रणनीति तैयार

बिहार में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अवैध कारतूस की ब्लैक मार्केटिंग पर नकेल कसने की तैयारी तेज हो गयी है.

By RAKESH RANJAN | June 24, 2025 2:01 AM
feature

संवाददाता, पटना बिहार में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अवैध कारतूस की ब्लैक मार्केटिंग पर नकेल कसने की तैयारी तेज हो गयी है. गृह विभाग ने अवैध गोलियों की आपूर्ति पर नियंत्रण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है. जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्थायी समिति गठित की गयी है, जो तीन माह पर लाइसेंसधारी दुकानों की जांच और लाइसेंस नवीकरण की समीक्षा करेगी. गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय हर छह माह या वार्षिक स्तर पर उच्चस्तरीय समीक्षा करेंगे. इसके तहत उन सभी लाइसेंसधारकों की पहचान की जा रही है, जिनका आपराधिक इतिहास रहा है, वे किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल रहे हैं या हर्ष फायरिंग, अवैध प्रदर्शन और सार्वजनिक भय फैलाने जैसे मामलों में लिप्त रहे हैं. ऐसे लोगों के शस्त्र लाइसेंस रद्द किये जायेंगे. पुलिस मुख्यालय ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है. राज्य में अवैध गोलियों की आपूर्ति को रोकने के लिए व्यापक रणनीति बनायी गयी है. अब लाइसेंसधारकों को प्रतिवर्ष अधिकतम 200 की जगह केवल 50 राउंड गोली ही दी जायेगी. इसके लिए आयुध नियम, 2016 में संशोधन किया गया है. डीजीपी विनय कुमार के निर्देश पर एडीजी (एसटीएफ) कुंदन कृष्ण ने इस प्रस्ताव को गृह विभाग को भेजा है. सरकार से जल्द ही इसे लेकर अंतिम आदेश जारी होने वाला है. इसके अलावा सभी लाइसेंसधारकों की जानकारी नेशनल डाटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंस (एनडीएएल-एएलआइएस) पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज करानी होगी. नयी गोली खरीदने के लिए खोखा जमा कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा. इस व्यवस्था में उत्तर प्रदेश मॉडल को बिहार में लागू किया जायेगा. सभी शस्त्र दुकानों और कारखानों का भौतिक सत्यापन होगा. बंद पड़ी दुकानों और कारखानों की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. सभी को खरीद-बिक्री का स्टॉक पंजी जिला एसपी या थाना को अनिवार्य रूप से देना होगा. पुलिस मुख्यालय ने सभी शस्त्र लाइसेंस और दुकानों की जांच की तो कई कमी मिली. गोलियों की सेल की ऑनलाइन इंट्री नहीं थी. गोली देने से पहले विधिसम्मत उपयोग और जांच की व्यवस्था का अभाव मिला. लाइसेंसधारकों का प्रभावी वेरिफिकेशन नहीं होना, दुकानों का समुचित ऑडिट नहीं होना और दूसरे राज्यों से जारी लाइसेंसी हथियारों की जानकारी का अभाव आदि कमियां मिलीं.

संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version