पटना के बाजारों में गोवर्धन पूजा से भाई दूज तक की तैयारी पूरी, बहनों के लिए स्पेशल गिफ्ट पैक की भारी डिमांड

2 नवंबर को गोवर्धन पूजा, 3 नवंबर को भाई दूज मनाई जाएगी और भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाएगी. इन त्योहारों को लेकर पटना के बाजारों में भी काफी भीड़ दिखाई दे रही है. आइए जानते हैं इन पर्वों की विशेषताएं.

By Anand Shekhar | November 2, 2024 7:05 AM
feature

दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा, भाई दूज और भगवान चित्रगुप्त की पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी है. शनिवार को गोवर्धन पूजा मनाया जायेगा, जबकि भाई दूज व चित्रगुप्त पूजा तीन नवंबर को सेलिब्रेट होगा. रक्षाबंधन की तरह भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक ‘भैया दूज’ के लिए भी पटना का बाजार सजकर तैयार है. इस पर्व को अलग-अलग समुदाय अपनी परंपरा के अनुरूप मनाते हैं. बंग समुदाय में पर्व को भाई फोटा भी कहते हैं. इसे लेकर बाजार में मिठाई और गिफ्ट की दुकानों पर बहनों के लिए स्पेशल गिफ्ट पैक तैयार किये गये हैं, जिसकी काफी डिमांड रही.

भारतीय धार्मिक व सांस्कृतिक धरोहर एक पीढ़ी से दूसरी और दूसरी से तीसरी पीढ़ी में प्रवाहित हो रही है. इसी में गोवर्धन पूजा भी शामिल है. वृन्दावन में स्थित गोवर्धन पर्वत स्वयं नारायण का स्वरूप है. सनातन धर्मावलंबी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा में दो नवंबर शनिवार को गोबर के गोवर्धन बनाकर पीला फूल, अक्षत, चंदन, धूप-दीप से उनकी पूजा करेंगे. गोवर्धन पूजा पर इस दिन गौशाला में गाय को स्नान कराकर उनको नए वस्त्र, रोली चंदन, अक्षत, पुष्प से पूजा के बाद हरी घास, भूषा, चारा, गुड़, चना, केला, मिठाई खिलायी जायेगी. गौ की सेवा करने से कई तीर्थों में स्नान के समान पुण्य मिलता है.

विशाखा नक्षत्र में दो मनाया जायेगा गोवर्धन पूजा

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा में विशाखा नक्षत्र व आयुष्मान योग में गोवर्धन पूजा मनायी जायेगी. प्रतिपदा तिथि शनिवार की रात्रि 07:10 बजे तक है. श्रद्धालु इस दिन गाय के संवर्धन के संकल्प लेते हुए विधि-विधान से उनकी पूजा एवं सेवा करेंगे. गोवर्धन पूजा के दिन नारायण प्रभु की शरणागति करने से जातक का सर्वदा कल्याण होता है. गोवर्धन की पूजा करने से श्रद्धालु को आर्थिक व समृद्धि का लाभ होता है. अन्नकूट भी इसी दिन होने से श्रीहरि की पूजा के बाद 56 भोग लगाया जायेगा.

गोवर्धन पूजा की पौराणिक महत्ता

गोवर्धन पूजा प्रकृति को समर्पित पर्व है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर इंद्रदेव का घमंड तोड़ा था तथा ब्रजवासियों की रक्षा किए थे . इससे उन्होंने से लोगों को प्रकृति की सेवा व संवर्धन का संदेश दिया था. तभी से कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन की पूजा होती है व अन्नकूट का भोग लगाया जाता है.

तीन को मनेगा भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा 

ज्योतिषी झा के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया में 3 नवंबर यानी रविवार को अनुराधा नक्षत्र व सौभाग्य योग में दीपोत्सव का अंतिम पर्व भाई दूज में रूप में मनाया जायेगा. बहनें इस दिन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उनके माथे पर तिलक लगाकर मधुर भोजन खिलायेगी. इसके बदले भाई भी उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार भेंट करेंगे. कायस्थ समुदाय के श्रद्धालु इस दिन विधि-विधान से चित्रगुप्त भगवान की पूजा-अर्चना करेंगे.

गोधन कूटेंगी बहनें, भाईयों के लंबी उम्र की करेंगी कामना

भैया दूज को आम बोलचाल की भाषा में ‘गोधन’ कहा जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की सलामती, दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. इस दिन बजरी, नारियल, पान तथा रेंगनी के काटे का अलग-अलग महत्व है. रेंगनी का कांटा एक ऐसा नुकीला काटा होता है, जिसकी चुभन बेहद दर्दनाक महसूस होती है. गोधन के मौके पर बहनें अपनी जीभ पर इसे चुभोती हैं तथा दर्द महसूस करती हैं.

पंडित विनय कुमार ने बताया कि सबसे पहले गोबर से तैयार गोधन पर ईंट रखकर बहनें भाइयों के दु:ख, कष्ट का नाश करने के लिए कामना करती हैं. गोधन कूटने के बाद बहनें अपनी जीभ पर रेंगनी का कांटा चुभोकर भाइयों के दुख व कष्ट दूर करने के लिए प्रार्थना करती हैं.

प्यार और समर्पण का प्रतीक है भाई दूज

हर वर्ष कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज मनाया जाता है. इस बार रविवार को मनाया जायेगा. बहनें इसकी तैयारी में जुटी हैं. इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी आयु व जीवन में सफलता की कामना करती हैं. ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर पूजा कर उनकी आरती करती हैं और भोजन-मिठाई खिलाकर नारियल देती हैं. उनकी दीर्घायु की कामना के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती हैं. भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है.

मान्यता के अनुसार इसी दिन मृत्यु के देवता यम की बहन यमी (सूर्य पुत्री यमुना जी) ने अपने भाई यमराज को तिलक लगाकर भोजन कराया था तथा भगवान से प्रार्थना की थी कि उनका भाई दीर्घायु हो. इसलिए यह दिन यम द्वितीया के नाम से प्रसिद्ध है.

इसे भी पढ़ें: Bihar Teacher: अब शिक्षकों को शिकायत के लिए नहीं आना पड़ेगा शिक्षा विभाग, जानें क्या हुआ बदलाव

अनुराधा नक्षत्र व सौभाग्य योग में मनेगा चित्रगुप्त पूजा

कार्तिक शुक्ल द्वितीया में तीन नवंबर रविवार को अनुराधा नक्षत्र एवं सौभाग्य योग में चित्रगुप्त भगवान की पूजा-अर्चना होगी. सनातन धर्मावलंबी में विशेषकर कायस्थ समुदाय के श्रद्धालु कल विधि-विधान से चित्रगुप्त भगवान की पूजा-अर्चना करेंगे. मान्यता है कि चित्रगुप्त भगवान व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा का बही-खाता रखते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार चित्रगुप्त जी की पूजा करने से बुद्धि, वाणी और लेखन का आशीर्वाद मिलता है.

Trending Video

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version