कुहासा के दौरान ट्रेनों को नियंत्रित गति से चलाने का निर्देश
पूमरे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए पूर्व मध्य रेल के शत – प्रतिशत मेल/एक्सप्रेस एवं पैसेंजर ट्रेनों के लोको पायलटों के लिए फॉग सेफ डिवाइस का प्रावधान किया गया है. सभी स्टेशन मास्टरों तथा लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर इसकी सूचना तत्काल नियंत्रण कक्ष को दी जाये. इसके बाद विजिबिलिटी की जांच वीटीओ (विजिविलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट) से करें. विजिबिलिटी बाधित होने की स्थिति में लोको पायलटों को निर्देश दिया गया है कि कुहासा होने पर वे गाड़ियों को नियंत्रित गति से चलाएं.
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फॉग सेफ डिवाइस से नियंत्रित होती है स्पीड
फॉग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है. इससे आगे आने वाले सिग्नल की चेतावनी देने पर लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करता है. कोहरे के दौरान रेल लाइन पर सिग्नल की स्थिति की निगरानी के लिए अतिरिक्त फॉग मैन भी तैनात किये जा रहे हैं. रेल फ्रैक्चर से बचाव व समय पर इसकी पहचान के लिए उच्चाधिकारियों की निगरानी में रेलकर्मियों द्वारा निरंतर पेट्रोलिंग भी की जा रही है. सिग्नलों की दृश्यता बढ़ाने के लिए सिग्नल साइटिंग बोर्ड, फॉग सिग्नल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर को काला एवं पीला रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है.