बैठक में लिया गया फैसला
इसे लेकर गुरुवार को मिहिर कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग तथा नवीन गुलाटी, सदस्य, आधारभूत संरचना, रेलवे बोर्ड, छत्रसाल सिंह, महाप्रबंधक, पूर्व मध्य रेलवे सहित रेलवे के उच्च अधिकारियों के बीच एक अहम बैठक संपन्न हुई जिसमें रेलवे की ओर से सूचित किया गया कि 12 आरओबी/आरयूबी के डीपीआर पर रेलवे बोर्ड की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई है.
इन्हें मिली है स्वीकृति
- सहरसा जिला का रेलवे फाटक संख्या-104B1 (सहरसा जंक्शन-बैजनाथपुर)
- छपरा जिला का रेलवे फाटक संख्या-47spl (छपरा जंक्शन-छपरा कचहरी)
- सीतामढ़ी जिला का रेलवे फाटक संख्या-55C/3 (सीतामढ़ी-डुमरा)
- गया जिला का रेलवे फाटक संख्या-39/C/T (पहाड़पुर-गुरपा) एव 8/C (परैया-गुरारू)
- लखीसराय जिला का रेलवे फाटक संख्या-24/A/E (अभयपुर- मसुदन) एवं 27/B/T (कजरा -अभयपुर)
- जमुई जिला का रेलवे फाटक संख्या-36 (झाझा-सिमुलतला)
- मुंगेर जिला का रेलवे फाटक संख्या-17/A/E (जमालपुर-दशरथपुर)
- औरंगाबाद जिला का रेलवे फाटक संख्या-28/B (फेशर-बघोई कुसा) एवं 23/C/T (जाखिम-बघोई कुसा)
- मुजफ्फरपुर जिला का रेलवे फाटक संख्या-123 (मोतीपुर-मेहसी)
48 आरओबी का डीपीआर तैयार
इसके अतिरिक्त 48 आरओबी का डीपीआर तैयार कर लिया गया है. इसपर अगले माह तक स्वीकृति प्राप्त की जाएगी. 112 अन्य आरओबी पर डीपीआर बनाया जा रहा है. बता दें कि मार्च से मई में अभियान चलाकर राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग के सभी 223 रेल्वे क्रॉसिंग पर रेल्वे द्वारा आरओबी बनाने का एनओसी दे दिया गया. साथ ही अन्य 259 LC (अन्य विभाग जैसे ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों पर अवस्थित) रेल्वे फाटकों में से 236 का भी एनओसी दे दिया गया.
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मंत्री नितिन नवीन ने कहा, रेलवे को हरसंभव कर रहे सहयोग
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 223 आरओबी के निर्माण से राज्य के किसी भी हिस्से से राजधानी पटना तक अधिकतम 3 घंटे 30 मिनट में पहुंचने का लक्ष्य शीघ्र साकार होगा. उन्होंने कहा कि इन आरओबी के माध्यम से रेलवे फाटकों पर लगने वाले जाम से आमजन को राहत मिलेगी और राज्य में सड़क यातायात न केवल तेज, बल्कि अधिक सुरक्षित भी बनेगा.
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