संवाददाता, पटना उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि अब राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद ही शिक्षण, शोध एवं विस्तार शिक्षा से संबंधित पदों का सृजन किया जायेगा. इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से करायी जायेगी. कहा कि इसी प्रकार प्रशासनिक, तकनीकी, गैर-तकनीकी एवं अराजपत्रित पदों का सृजन भी राज्य सरकार की पूर्वानुमति से किया जायेगा. इन पदों पर नियुक्ति क्रमशः बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार तकनीकी सेवा आयोग और बिहार कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से सुनिश्चित की जायेगी. विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को श्री सिन्हा ने कहा कि किसी भी पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव संबंधित आयोग को भेजने से पूर्व कृषि विभाग से पूर्वानुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा. इसी को लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम 2010 के अध्याय-2 की धारा 7 (11 एवं 12) में संशोधन किया गया है. कहा कि यह संशोधन राज्य में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं विस्तार प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, विवादमुक्त एवं विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा. इस संशोधन से विश्वविद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया को निष्पक्ष और योग्यता आधारित बनाया जायेगा. इससे किसी भी प्रकार की अनियमितता या भेदभाव की संभावना समाप्त होगी.
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