संवाददाता, पटना बिहार में प्लास्टिक को रिसाइकल करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. प्लास्टिक का फिर से उपयोग करके कपड़े समेत अन्य सामाग्रियां भी बनायी जाती हैं. इस तरह की रिसाइक्लिंग उद्योग को स्थापित कर बिहार में औद्योगिकीकरण की नयी शुरुआत की जा सकती है. ये बातें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव तन्मय कुमार ने कहीं. वे शुक्रवार को पटना के एक होटल में प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से किया गया था. पर्यावरण को प्रभावित कर रहा प्लास्टिक : विभागीय अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हारा ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण को काफी प्रभावित कर रहा है. राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित है. राज्य में अभी प्लास्टिक को रिसाइकिल करने वाले 11 प्लांट हैं. इसी तरह प्लास्टिक आधारित उद्योगों की संख्या सात है. राज्य सरकार ऐसे उद्योगों को अधिक बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. केंद्रीय मंत्रालय के संयुक्त सचिव नीलेश कुमार शाह ने कहा कि जीवनशैली में बदलाव करके प्लास्टिक का उपयोग कम कर सकते हैं. अवर सचिव नरेश पाल गंगवार ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण कम करने की जिम्मेदारी केंद्र के अलावा राज्य सरकारों, नगर निकायों से लेकर प्रदूषण बोर्ड समेत अन्य सभी की है.
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