टेंडर प्रोसेस में हेरा-फेरी का मामला
इन्हें रख-रखाव के लिए लीज पर देने की योजना थी. इस कड़ी में इसका टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया था और टेंडर प्रोसेस में हेरा-फेरी हुआ था. टेंडर की यह पूरी प्रक्रिया IRCTC के तत्कालीन MD पीके गोयल के द्वारा की गई थी. बता दें कि 17 जुलाई 2017 को CBI ने लालू समेत 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. जिसके बाद विनय कोचर समेत अन्य आरोपियों के कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी अभियान चला था.
3 एकड़ जमीन लेने का आरोप
इस मामले में CBI के अनुसार रेल मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने 2005-06 में कोचर बंधुओं को IRCTC के 2 होटल (रांची, पुरी) लीज पर दिलाए थे. जिसके बदले पटना में 3 एकड़ जमीन ली थी. यह जमीन कोचर बंधुओं ने सरला गुप्ता की कंपनी को बेची थी. उसके बाद फिर इस कंपनी का मालिकाना हक राबड़ी और तेजस्वी की कंपनी के पास आ गया था. बता दें कि इसी जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा था.
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7 साल की सजा का प्रावधान
बता दें कि ट्रायल के दौरान अगर CBI की तरफ से अदालत में पर्याप्त सबूत और गवाह प्रस्तुत किए गए होंगे तो आरोपी को 7 साल तक की सजा मिल सकती है. इस मामले में तेजस्वी यादव भी संकट के घेरे में फंस सकते हैं. जान लें कि इस मामले में लालू प्रसाद यादव साल 2019 से जमानत पर हैं.
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