संवाददाता, पटना :मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच से पीएमसीएच रेफर हुई 11 साल की रेप पीड़िता की रविवार की सुबह इलाज के दौरान मौत हो गयी. इसको लेकर कांग्रेस के कई कार्यकर्ता पीएमसीएच पहुंच कर परिजनों के साथ जम कर हंगामा किया़ उनका आरोप है कि इलाज में लापरवाही से मौत हुई है़, जबकि अस्पताल प्रशासन ने इससे इन्कार करते हुए कहा कि पीड़िता गंभीर स्थिति में यहां लायी गयी थी़ काफी प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका़
चाचा ने कहा- नर्स कह रही थी कि बच्ची को बचाना है, तो दूसरी जगह ले जाओ
मृत बच्ची का पोस्टमार्टम करवाने पहुंचे चाचा ने कहा कि पीएमसीएच की पूरी लापरवाही है. कई नर्सों ने मुझसे कहा कि बच्ची को यहां से ले जाइए. दूसरे अस्पताल में भर्ती करवाइए, नहीं तो यहां बच्ची की मौत हो जायेगी. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर में जब तक थे, बेहतर इलाज हुआ है. यहां शनिवार को एक बजे पीएमसीएच पहुंच गये थे. शाम चार बजे काफी हंगामे के बाद भर्ती लिया गया. इस दौरान कई विभागों का चक्कर लगावाया गया. बिटिया एंबुलेंस में ही छटपटाती रहीं, इलाज शून्य रहा. भर्ती के बाद भी काफी दवाएं बाहर से खरीद कर मंगायी गयीं. इसमें ढाई हजार से अधिक रुपये खर्च हुए.
एक वर्ष की थी, तभी हो गयी थी पिता की मौत
इलाज में कोई भी कोताही नहीं हुई : अधीक्षक
मुजफ्फरपुर की नौ वर्षीया रेप पीड़ित बच्ची की मौत के बाद रविवार की शाम 6:30 बजे पीएमसीएच प्रशासन की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया, जिसमें पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर व कार्यकारी अधीक्षक डॉ अभिजीत कुमार सिंह शामिल हुए. कार्यकारी अधीक्षक अभिजीत सिंह ने कहा कि इलाज के दौरान रविवार की सुबह 8:15 बजे पीड़िता ने दम तोड़ दिया. बच्ची को काफी गंभीर हालत में उसे लाया गया था. संभवत: हत्या के लिए उसकी छाती व गला काटने का प्रयास किया गया था. गले की मेन नली कट जाने से उसकी सांस भी नहीं चल रही थी. इसलिए एसकेएमसीच में इलाज के बाद गले में अलग से ट्यूब डाला गया था. लगातार खून भी बह रहा था. यहां आने के बाद वह पीएमसीएच के गायनी वार्ड के आइसीयू में भर्ती थी. वहीं, अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा कि पीएमसीएच में बच्ची के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई. बच्ची एसकेएमसीएच में 26 में को ही भर्ती थी. वहां उसका इलाज चल रहा था, जब हालत ज्यादा बिगड़ गयी, तब उसे शनिवार को पीएमसीएच में रेफर किया गया.यहां पहुंचने पर सबसे पहले उसे एंबुलेंस में इएनटी के डॉक्टर ने जांच की. उसको पहले शिशु रोग विभाग में भेजा गया. वहां शिशु रोग के डॉक्टरों ने उसकी हालत को देखते हुए उसे आइसीयू में भर्ती करने की सलाह दी. 3:15 बजे उसे आइसीयू में भर्ती करा दिया गया. उसके इलाज में गायनी, शिशु रोग, एनेस्थीसिया और इएनटी विभाग के डॉक्टर लगे हुए थे. गंभीर हालत को देखते हुए 6:15 बजे शाम को उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. बहुत प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
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