Sand Business: बिहार में 35 किमी सफर तय कर बालू हो जाता है 8 गुना महंगा, ठेकेदार की चांदी

Sand Business: बिहार में करीब 1250 रुपये की लागत के बालू की कीमत घाटों के भंडारण स्थल पर करीब तीन गुना है. कोइलवर से पटना करीब 35 किमी आने पर यही बालू करीब आठ हजार रुपये में आम लोगों को मिलता है. बालू निकलने पर इससे जुड़े खुदरा बिक्रेताओं को भी अच्छा-खासा लाभ हो रहा है.

By Ashish Jha | July 5, 2024 10:13 AM
an image

Sand Business: कृष्ण कुमार, पटना. राज्य में करीब 1250 रुपये की लागत के बालू की कीमत घाटों के भंडारण स्थल पर करीब तीन गुना है. वहां से बालू निकलने पर इससे जुड़े खुदरा बिक्रेताओं को भी अच्छा-खासा लाभ हो रहा है. कोइलवर से पटना करीब 35 किमी आने पर यही बालू करीब आठ हजार रुपये में आम लोगों को मिलता है. राज्य में बालू के वैध और अवैध कारोबार के पीछे इसकी मांग और इसमें होने वाला मुनाफा मुख्य कारण है. हालत यह है कि वैध तरीके से इसकी लागत का कम से कम दो से तीन गुना मुनाफा बंदोबस्तधारी कमा रहे हैं. हालांकि, सरकार को भी वैध कारोबार की रॉयल्टी मिल जाती है. इन सबके बीच निर्माण कार्य करवाने वाले लोग बालू की प्रतिदिन बढ़ती कीमत से परेशान रहते हैं. वहीं बालू घाटों पर काम करने वाले मजदूरों के हालात और भी खराब है.

बालू की रॉयल्टी दर 150 रुपये प्रति घन मीटर

सोन, चानन, मोरहर, किऊल और फल्गु नदियों से निकलने वाले लाल बालू की रॉयल्टी दर 150 रुपये प्रति घन मीटर है. वहीं अन्य नदियों से निकलने वाले बालू की रॉयल्टी दर 75 रुपये प्रति घन मीटर है. ठेकेदारों को इसके अलावा बिक्री के लिए भंडारण स्थल तक बालू लाने में करीब दोगुना खर्च करना पड़ता है. ऐसे में यदि लाल बालू की बात करें, तो इसकी लागत करीब 450 रुपये प्रति घनमीटर हो जाती है. यह बालू ठेकेदार घनमीटर में नहीं, बल्कि सीएफटी में बिक्री करते हैं. यानी एक घनमीटर में करीब 35.31 सीएफटी बालू होता है. इस तरह एक ट्रैक्टर में बालू भरने यानी करीब 100 सीएफटी के लिए तीन घन मीटर बालू की जरूरत होती है. इसकी लागत बालू घाट के भंडारण स्थल पर करीब 1350 रुपये होती है. यदि सोन नदी के बालू घाटों की बात करें, तो वहां से पटना लाकर फिलहाल इस बालू की बिक्री एक प्रति ट्रैक्टर करीब आठ हजार रुपये में हो रही है.

Also Read: Cricket in Bihar: राजगीर क्रिकेट स्टेडियम छह माह में होगा तैयार, इसी साल होंगे अंतरराष्ट्रीय मैच

वैध खनन से बड़ा है अवैध खनन का दायरा

राज्य में बालू खनन के वैध काराेबार की तुलना में अवैध कारोबार का दायरा अब भी बड़ा है. अवैध कारोबारियों की रुचि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती चार महीने में ही अवैध खनन के खिलाफ 6095 छापेमारी की गयी. 3462 वाहनों की जब्ती, 832 प्राथमिकी दर्ज हुई. 375 गिरफ्तारी और दंड के रूप में 43.44 करोड़ की राशि वसूली गयी. 2022-23 में बालू के अवैध कारोबार में 4435 एफआइआर दर्ज की गयी. 2439 लोगों की गिरफ्तारी हुई और बीस हजार से ज्यादा वाहन भी जब्त किये गये थे. ऐसे में अवैध कारोबार बढ़ रहा है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version