Sawan 2025: बिहार के इन 5 प्रमुख कांवर रूट पर मिलती है श्रद्धालुओं की अपार भीड़, डिटेल में जानिए

Sawan 2025: सावन महीने की शुरूआत हो गई है. इसी के साथ विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में कांवरियों का हुजूम उमड़ पड़ा है. ऐसे में बिहार के 5 प्रमुख कांवर रूट हैं, जिसके जरिये बाबा की नगरी देवघर पहुंच सकेंगे. इसके साथ ही इन रूटों में सबसे ज्यादा भीड़ भी मिलती है. बता दें कि, सबसे ज्यादा भीड़ सुल्तानगंज से देवघर जाने के रास्ते में होती है.

By Preeti Dayal | July 11, 2025 2:09 PM
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Sawan 2025: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की शुरूआत के साथ भोले बाबा के श्रद्धालुओं के बीच उत्साह भर गया है. 11 जुलाई से मेले की शुरूआत हो गई है जो कि, 9 अगस्त तक चलेगी. बिहार में कई मार्गों से होकर कांवरियों का जत्था बाबा की नगरी देवघर पहुंचता है. उन सभी मार्गों में भागलपुर जिले के सुल्तानगंज से देवघर स्थित ज्योतिर्लिंग बाबा वैद्यनाथ धाम तक के कांवर यात्रा रूट पर कांवरियों की सबसे ज्यादा भीड़ मिलती है. इसके अलावा बिहार में भी कई अन्य प्रमुख रूट हैं.

सुल्तानगंज से देवघर कांवर यात्रा रूट

बता दें कि, यह रूट बेहद ही खास मानी जाती है. बड़ा तादाद में कांवरिया सुल्तानगंज से जल भरकर पैदल यात्रा कर देवघर पहुंचते हैं. सुल्तानगंज में अजगैवीनाथ धाम घाट से कांवरिया गंगा जल लेकर असरगंज-तारापुर-कटोरिया होते हुए देवघर जाते हैं और फिर बाबा की नगरी में जलाभिषेक करते हैं. इसके अलावा सुल्तानगंज से अकबरनगर अमरपुर-बांका-कटोरिया होते हुए देवघर या बांका से ढाकामोड़-हसडीहा होते हुए भी देवघर जा सकते हैं.

डुमरिया घाट, डोरीगंज से बाबा धनेश्वरनाथ कांवर यात्रा रूट

श्रद्धालु गोपालगंज के डुमरिया घाट स्थित नारायणी नदी और सारण जिले के डोरीगंज स्थित गंगा नदी से जल लेकर सिंहासिनी स्थित बाबा धनेश्वरनाथ को अर्पित करने के लिए पहुंचेंगे. एनएच 27 होते हुए महम्मदपुर, इसके बाद स्टेट हाईवे 90 के रास्ते पकड़ी मोड़ जाएंगे. फिर यहां से दो किलोमीटर पदयात्रा कर जलाभिषेक करेंगे. वहीं, डुमरियाघाट से मंदिर पहुंचने के लिए गरौली चंवर, मठिया बाजार एवं उसरी-दिघवा दुबौली वैकल्पिक रूट है.

पहलेजा से बाबा गरीबनाथ कांवर यात्रा रूट

बता दें कि, इस रूट पर कांवरिया 65 किलोमीटर लंबी यात्रा करते हैं. सारण जिले में सोनपुर के पास स्थित पहलेजा घाट से कांवरिया जल भरते हैं और इसके बाद हाजीपुर होते हुए मुजफ्फरपुर स्थित गरीबनाथ मंदिर जाते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि, हफ्ते के तीन दिन (शुक्रवार, शनिवार और रविवार) को एनएच 22 का पश्चिमी लेन यानी मुजफ्फरपुर जाने वाली यह सड़क कांवरियों के लिए सुरक्षित रहती है. बता दें कि, हाजीपुर से लालगंज होते हुए या फिर महुआ होते हुए या फिर सोनपुर-सोनहो होते हुए भी मुजफ्फरपुर पहुंचा जा सकता है.

बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ कांवर यात्रा रूट

बक्सर जिले की बात करें तो, यहां कांवर यात्रा जिला मुख्यालय स्थित रामरेखा घाट से गंगाजल लेने के बाद ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर तक जाती है. इस दौरान करीब 33 किलोमीटर की दूरी तय की जाती है. यहां कांवर यात्रा का एक मात्र मुख्य मार्ग बक्सर हाइवे 922 है. कांवरियों के लिए हर सोमवार को इस फोरलेन सड़क का एक लेन कांवरियों के लिए सुरक्षित रहता है.

फतुहा से सिद्धेश्वर नाथ कांवर यात्रा रूट

बता दें कि, बड़ी संख्या में कांवरिया फतुहा से गंगा जल लेकर पटना और नालंदा होते हुलासगंज के रास्ते फल्गु नदी पार करते हैं और जहानाबाद जिले के बराबर पहुंचते हैं. यहां कांवरिया बाबा सिद्धेश्वर नाथ का जलाभिषेक करते हैं. वैकल्पिक रूट में एनएच 22, पटना से मखदुमपुर और मखदुमपुर से बराबर है. इस तरह ये सभी रूट बिहार में कांवरियों के लिए बेहद ही खास माने जाते हैं.

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