संवाददाता, पटना : गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच में गांधी मैदान थानेदार राजेश कुमार की लापरवाही सामने आयी है. मामले की जांच के बाद एसएसपी कार्तिकेय शर्मा की अनुशंसा पर आइजी जितेंद्र राणा ने गांधी मैदान थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया. एसएसपी ने बताया कि फिलहाल वह पुलिस लाइन में रहेंगे और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. आइजी ने बताया कि गोपाल खेमका हत्याकांड की सूचना मिलने के बाद वह मेडिवर्सल हॉस्पिटल तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने घटनास्थल की जांच करने में देरी कर दी. यहां तक कि वहां पर कोई भी पुलिस टीम को नहीं भेजा. घंटों वहां लोग आते-जाते रहे. अस्पताल से लौटने के बाद पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर जांच शुरू की. मौके से एक खोखा व बुलेट कब्जे में लिया. एफएसएल की टीम को बुलाया गया. परिजनों ने भी अपने लिखित आवेदन में गांधी मैदान थानाध्यक्ष व पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. परिजनों व लोगों द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच करने का जिम्मा सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा को दी गयी थी. उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आइजी से कार्रवाई की अनुशंसा की गयी, जिसके बाद गांधी मैदान थानेदार राजेश कुमार को सस्पेंड किया गया है.
कार्यशैली पर उठ रहे थे सवाल : एसएसपी
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि बीते कुछ दिनों से गांधी मैदान थानाध्यक्ष की सक्रियता नहीं देखी जा रही थी. गोपाल खेमका हत्याकांड मामले में भी लोगों को जो पुलिस से उम्मीद होती है, वह गांधी मैदान थानेदार द्वारा नहीं पूरी की गयी. इस वजह से उनकी कार्यशैली पर लगातार प्रश्नचिह्न उठ रहा था. इसके अलावा अपराध नियंत्रण में गश्ती, सूचना संकलन, पूर्व में हुई आपराधिक घटनाओं में कार्रवाई आदि में भी शिथिलता बरतने की शिकायत मिल रही थी. जांच में सामने आया कि लोगों द्वारा भी गांधी मैदान थानाध्यक्ष के खिलाफ कई शिकायत की गयी थी. इन सभी बिंदुओं पर जांच के बाद कार्रवाई की गयी.
गश्ती टीम और ओडी ऑफिसर भी जांच के दायरे में
सूत्रों के अनुसार इस मामले में गांधी मैदान की गश्ती टीम व ओडी ऑफिसर भी जांच के दायरे में है. घटना के वक्त इन सभी ने त्वरित कार्रवाई क्या की. घटना के वक्त इन सभी कहां थे. इन सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है. जांच में अगर किसी भी तरह की लापरवाही सामने आयी, तो और कई पुलिसकर्मियों पर गाज गिरेगी.
मास्टरमाइंड व शूटर की रिमांड अवधि खत्म, दोनों को वापस भेजा गया जेल
गोपाल खेमका हत्याकांड में शामिल मास्टरमाइंड अशोक साव व शूटर उमेश यादव के रिमांड की अवधि बुधवार को खत्म हो गयी, जिसके कारण दोनों को वापस बेऊर जेल भेज दिया गया. पुलिस को इस मामले में अहम सबूत हाथ लगे हैं. आवश्यकता होने पर दोनों को पुलिस फिर से रिमांड पर ले सकती है.
अशोक साव की निशानदेही पर सिम मिला
पुलिस टीम ने उस सिम कार्ड को अशोक साव की निशानदेही पर बरामद कर लिया गया है, जो वह हत्या की सेटिंग के लिए उपयोग में ला रहा था. उसे उसके बुद्ध मार्ग के उदयगिरि अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 से बरामद किया गया है. इसने गोपाल खेमका की हत्या के बीच सिम कार्ड को छिपा लिया था, जबकि शूटर उमेश यादव के पास रहे सिम कार्ड को पुलिस ने पहले ही बरामद कर लिया था.
पासपोर्ट व बंदूक के लाइसेंस को लेकर जांच शुरू
अशोक साव के पास से चार पासपोर्ट बरामद किये गये थे. इनमें से तीन में पन्ने भरे हुए थे और एक सादा था. पुलिस ने पासपोर्ट की जांच के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा है. साथ ही पुलिस भी अपने स्तर से जांच कर रही है. इसके अलावा अशोक साव की बंदूक के लाइसेंस की भी जांच हो रही है. इधर, बरामद जमीन के कागजात की आर्थिक अपराध इकाई की गाइडलाइन के तहत जांच की जा रही है.
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