हिरासत में लिए गए युवकों की हुई पहचान
हिरासत में लिए गए युवाओं की पहचान मजी मयो हटई ली (26), लंघ नगइह निआंग (28, एकमात्र युवती), नाव थाउंग (27), फ्रांसिस टावक लियन संग (20), वान जा लियन (20) और रोलाण्ड नवल लियन (अनुमानित 20) के रूप में हुई है. पूछताछ में युवकों ने चौंकाने वाले खुलासे किए. उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2022-23 में म्यांमार से मिजोरम होते हुए नगालैंड में दाखिल हुए थे, वह भी बिना वीजा और पासपोर्ट के.
धर्मशास्त्र की पढ़ाई करने पहुंचे थे भारत
भारत में धर्मशास्त्र की पढ़ाई करने की चाह लिए ये सभी विटर थियोलॉजिकल कॉलेज, नगालैंड पहुंचे, लेकिन बिना आधार कार्ड उनके प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद उन्होंने अवैध तरीके से दिल्ली का रुख किया और वहां फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी बनवाकर कॉलेज में एडमिशन लिया.
कॉलेज में हुई छुट्टी तो घूमने निकले थे नेपाल
कॉलेज में छुट्टियों के दौरान इन छात्रों ने भारत और नेपाल के कुछ सहपाठियों के साथ नेपाल घूमने का प्लान बनाया और शनिवार को नेपाल की ओर रवाना हुए. लेकिन भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी की चौकसी के चलते उनकी योजना नाकाम हो गई. दस्तावेजों की जांच के बाद जब स्थिति संदिग्ध पाई गई, तो एसएसबी ने सभी छह म्यांमार नागरिकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में उन्हें पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के खोरीबारी थाना पुलिस को सौंप दिया.
खुफिया एजेंसी भी छानबीन में जुटी
एसएसबी अधिकारियों ने बताया कि इन युवकों ने न केवल अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया, बल्कि फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनवाकर देश के सिस्टम को धोखा भी दिया. अब उनके दस्तावेजों की वैधता की गहन जांच की जा रही है और खुफिया एजेंसियां भी इस मामले की छानबीन में जुट गई हैं.
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