संवाददाता, पटना सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने जो नयी नीति बनायी है उसमें 350 वर्गमीटर से ज्यादा जमीन पर बनने वाले नए घर, होटल, हॉस्टल, विवाह हॉल जैसे भवनों में सोलर वाटर हीटर (सौर जल तापन प्रणाली) लगाना जरूरी होगा. जो फैक्ट्रियां गर्म पानी या भाप के लिए बायलर चलाती हैं, उन्हें भी सोलर वाटर हीटर लगाना होगा. हालांकि यह व्यवस्था कब से प्रभावी होगी, ऊर्जा विभाग इसकी अधिसूचना जारी करेगा. ””नवीकरणीय ऊर्जा संवर्द्धन नीति–2025”” और ””पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट प्रमोशन पॉलिसी 2025”” में इस सबंध में विस्तार से दिशा- निर्देश हैं. जिन उद्योगों का बिजली लोड 1000 केवीए या उससे ज्यादा है, उन्हें अपनी बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए सोलर पैनल (सोलर पीवी प्रोजेक्ट) लगाना है. राज्य सरकार ऐसे प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए एकल खिड़की की सुविधा दे रही है. जिन प्रोजेक्ट्स की बिजली राज्य की बिजली कंपनियां खरीदेंगी, उनमें जरूरी फीस एक जगह जमा की जा सकेगी. इससे प्रोजेक्ट लगाने वालों को आसानी होगी. हर जिले में बनेगा ‘संसाधन सूचना बैंक’ सोलर प्रोजेक्ट के लिए जमीन, छत, नहर, तालाब जैसी जगहों की जानकारी जुटाने के लिए हर जिले में ‘संसाधन सूचना बैंक’ बनाया जाएगा. ब्रेडा इसे तैयार करेगा और यह जानकारी वेबसाइट पर मिलेगी. किसान और दूसरी लोग भी अपने पास मौजूद जमीन या छत की जानकारी ब्रेडा को दे सकेंगे. लाभ के साथ पैसे का होगा बेहतर इस्तेमाल ऊर्जा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने तय किया है कि नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग विभागों की योजनाओं को आपस में जोड़ा जाएगा. इससे जनता को ज्यादा फायदा मिलेगा और पैसे का बेहतर इस्तेमाल होगा.
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