ओम के उच्चारण के साथ 10 मिनट का कराया ध्यान
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कहा कि वर्तमान समय में विश्व जिन समस्याओं से जूझ रहा है, उनमें सबसे बड़ी समस्या मानसिक स्वास्थ्य की है. उन्होंने श्रोताओं को ओम के उच्चारण के साथ आंख बंद कर 10 मिनट तक ध्यान कराया. ध्यान कराते समय उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के विकास और समृद्धि के लिए आने वाली चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है और ऐसा केवल ध्यान के माध्यम से किया जा सकता है. ध्यान जीवन की गहरी समझ लाता है.
मोबाइल के फ्लैशलाइट ऑन करा कर एप डाउनलोड कराया
श्री श्री रविशंकर ने लोगों को ऑस्टियोपैथी का इस्तेमाल करने के लिए कहा. कहा कि जोड़ों का दर्द और भी जो भी बीमारियां हैं, सब इसे इस्तेमाल करें. जरूरी नहीं कि सारी बीमारियां एलोपैथी से ही ठीक हों. उन्होंने सभी से मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट ऑन करायी. कहा कि कितने लोगों के पास फोन हैं, सभी ने अपने फोन की फ्लैशलाइट ऑन की. फिर उन्होंने सत्व एप डाउनलोड करने कहा. इसमें अध्यात्म के बारे में दिखाया जायेगा. रोज सुबह शाम उस एप पर ध्यान करने कहा.
1012 महिलाओं झिझिया नृत्य प्रस्तुत कर बनाया रिकॉर्ड
मिथिला की प्रसिद्ध झिझिया नृत्य की प्रस्तुति को एशिया वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजा गया. यह अवार्ड एशिया वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से आयीं ममता राज मेहता ने दिया. सर्टिफिकेट प्रदान करते हुए ममता ने कहा कि एक साथ 1012 महिलाओं का नृत्य एशिया में पहली बार बिहार की धरती गांधी मैदान में हुआ है. इसलिए यह रिकॉर्ड बन गया है. कुल 1012 महिलाएं नृत्य कर रही हैं, जिनमें बिहार और नेपाल की महिलाएं हैं.
चार विश्वविद्यालयों से हुआ एमओयू साइन
मौके पर आर्ट ऑफ लिविंग के साथ पटना की एमिटी यूनिवर्सिटी, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी, चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, आइआइटी ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर साइन किया है. इसमें एमिटी यूनर्विसिटी के कुलपति विवेकानंद, चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ राणा सिंह, सीएमएलयू के रजिस्टार डॉ एसी सिंह और आइआइटी, पटना के असिस्टेंट प्रो महेंद्र राम ने श्री श्री रवि शंकर के साथ समझौता ज्ञापन पर साइन किया है. कार्यक्रम में कला संस्कृति विभाग ने 40 लाख रुपये का अनुदान इस आयोजन के लिए दिया है. मौके राजेंद्र गांधी ने इंस्टीसून का डेमो बच्चों द्वारा दिया. इस दौरान बच्चों के आंखों पर पट्टियां बंधी थीं और बच्चों ने बिना पट्टी खोले सामने के व्यक्ति व लिखित अक्षरों की पहचान कर बताया. कार्यक्रम में बिहार कला संस्कृति मंत्री मोतीलाल प्रसाद उपस्थित थे.
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