संघर्ष से सफलता तक: दलित समाज के बेटे ने लिखी सफलता की नई इबारत, कोविड में चल बसे थे पिता फिर भी नहीं माने हार

Success Story: कुंदन कुमार फिलहाल पश्चिम चंपारण जिले में अंचल अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग की 66वीं संयुक्त परीक्षा में सफलता प्राप्त की. उनके छोटे भाई मनीष कुमार भी इसी राह पर चलते हुए 69वीं बीपीएससी परीक्षा में चयनित होकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के रूप में बिपार्ड, गया में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. इनकी बहन प्रीति कुमारी भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटी हैं.

By Paritosh Shahi | April 13, 2025 10:00 PM
an image

Success Story, मोनु कुमार मिश्रा, बिहटा: अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती” — यह कहावत बिहार के बिहटा प्रखंड स्थित सदीसोपुर गांव के दो सगे भाइयों कुंदन कुमार और मनीष कुमार की संघर्षभरी और प्रेरणादायक जीवन यात्रा पर बिल्कुल सटीक बैठती है. दलित समाज से आने वाले इन युवकों ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से एक ऐसा मुकाम हासिल किया, जो समाज के तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है.

कोविड में चल बसे थे पिता

कुंदन कुमार, मनीष कुमार और प्रीति कुमारी की यह यात्रा आसान नहीं रही. इनके पिता, स्वर्गीय अरविंद कुमार, टाइल्स और मार्बल का कार्य कर परिवार का गुजारा करते थे. 2021 में कोविड काल के दौरान उनका देहांत हो गया, जिससे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.आर्थिक तंगी पहले से ही थी, ऊपर से पिता की मृत्यु ने हालात और भी मुश्किल बना दिए.मां उमरावती देवी, एक साधारण गृहिणी होने के बावजूद, बच्चों को आगे बढ़ाने का हौसला नहीं खोया.

सेल्फ स्टडी से हासिल की सफलता

महंगी कोचिंग का खर्च वहन कर पाना इनके लिए संभव नहीं था. बावजूद इसके दोनों भाइयों ने सेल्फ स्टडी को हथियार बनाया और कठिन परिश्रम से सफलता हासिल की. इनकी प्रारंभिक शिक्षा सदीसोपुर के सरकारी विद्यालय में हुई और आगे की पढ़ाई पटना के कॉमर्स कॉलेज से पूरी की गई.

इसे भी पढ़ें:  बिहार के 17 जिलों में आंधी-तूफान और सभी जिलों में अगले 24 घंटे होगी बारिश, IMD ने जारी किया येलो और ऑरेंज अलर्ट

भीमराव अंबेडकर के विचार को साकार करती है इनकी कहानी

इनकी कहानी केवल एक पारिवारिक संघर्ष की नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव और शिक्षा की शक्ति की कहानी है. यह परिवार डॉ. भीमराव अंबेडकर के उस विचार को साकार करता है कि “शिक्षा ही समाजिक परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम है. अम्बेडकर जयंती के अवसर पर यह प्रेरक स्टोरी यह संदेश देती है कि सीमित संसाधनों में भी असीम संभावनाएं छिपी होती हैं—बस जरूरत है तो मजबूत इरादों और निष्ठा की.

इसे भी पढ़ें: बिहार के जमीन मालिकों के लिए बड़ी खबर, इस दिन के बाद नहीं जमा कर सकेंगे स्वघोषणा पत्र

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version