गदर, वोल्टास और रियल मैंगो जैसे अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
रेलवे सुरक्षा बल की ओर से बीते दो साल के अंदर पटना जिले में करीब 105 से अधिक टिकट दलालों को पकड़ा गया. इनके पास से वोल्टास, रियल मैंगो, गदर और नेक्सेस जैसे अवैध सॉफ्टवेयर का पता लगा था. इससे पहले भी आरपीएफ की फील्ड इकाई ने नौ अगस्त, 2020, जनवरी 2021, जुलाई 2022, मार्च 2024 में अवैध सॉफ्टवेयर के संचालन का पता लगाया था. टीम की ओर से अब तक एएनएमएस, रेड मिर्ची, ब्लैक टीएस, टिक-टॉक, आइ-बॉल, रेड बुल और मैक जैसे कई अवैध सॉफ्टवेयरों का पता लगाया जा चुका है.
वेटिंग टिकट मिलने पर दलालों के पास जाते हैं यात्री
वेटिंग में टिकट मिलने के बाद यात्री दलालों के पास जाते हैं, जहां उन्हें मनचाही ट्रेन का कन्फर्म टिकट मिल जाता है. टिकट के सौदागर प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की मदद से टिकट हासिल कर अधिक पैसे वसूलते हैं. पिछले साल अभियान चलाकर रेलवे ने पूर्व मध्य रेलवे के साथ-साथ देश भर में 12 हजार से अधिक टिकट दलालों को पकड़ा था, लेकिन जेल से छूटने के बाद इनमें अधिकांश फिर से सक्रिय हो गये हैं. पटना जिले में इनकी संख्या करीब 100 के आसपास है.
यहां करें टिकट बुकिंग
आरआईसीटीसी की वेबसाइट के अलावा आइआरसीटीसी की ओर से रेल टिकट बुकिंग के लिए अधिकृत वेबसाइट पर जाकर यात्री अपना रेल टिकट बुक करा सकते हैं. इनमें पेटीएम, कंफर्म टिकट, मेक माइ ट्रिप आदि शामिल हैं. जहां यात्री खुद बुकिंग कर सकते हैं.
आरपीएफ ने बनायी छापेमारी टीम
दानापुर मंडल के आरपीएफ कमाउंडेंट प्रकाश पांडा ने फर्जी आईडी व सॉफ्टवेयर से टिकट बनाने वाले एजेंटों पर कार्रवाई के लिए आरपीएफ ने छापेमारी टीम बनायी है. इसके लिए दानापुर मंडल के सभी प्रमुख स्टेशनों के टिकट काउंटरों व आसपास के एजेंटों पर कड़ी नजर रखने के लिए सिविल ड्रेस में आरपीएफ जवानों को तैनात किया गया है. इसके साथ ही आरक्षण काउंटरों पर सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है. जेल से छूटे टिकट दलालों पर विशेष नजर है.
Also Read: Exclusive: भागलपुर के पीरपैंती में बनेगा थर्मल पावर प्लांट, सौर ऊर्जा परियोजना के लिए जमीन खोजने में जुटी ये कंपनी