इन शिक्षकों को मिलेगी प्राथमिकता
ट्रांसफर प्रक्रिया में सबसे पहले उन शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो कैंसर, गंभीर बीमारी या मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं. स्क्रूटिनी के दौरान बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए लिस्ट तैयार किया जा रहा है. लंबे समय से कैंसर पीड़ित शिक्षकों का पहले ट्रांसफर किया जाएगा. उसके बाद अन्य बीमारी से ग्रसित शिक्षकों का. इसके बाद गंभीर बीमारियों और मानसिक रोगों से ग्रसित शिक्षकों का की ट्रांसफर पोस्टिंग की जाएगी. अंत में पति-पत्नी के एक ही स्थान पर रहने और दूरस्थ स्कूल में कार्यरत शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएंगे.
इस बार ट्रांसफर पोस्टिंग में बदलाव
इस बार ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया में मामूली बदलाव भी किए गए हैं. तबादले की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए शिक्षकों की पहचान, नाम या स्कूल के पते के बजाय कोड के आधार पर ट्रांसफर किया जाएगा. मुख्यालय से हर एक शिक्षक को एक यूनिक नंबर (कोड) दिया जाएगा. जो डीईओ कार्यालयों को भी भेजा जाएगा. डीईओ के पास सिर्फ कोड की जानकारी होगी. वहीं शिक्षकों के नाम और पते की जानकारी सिर्फ मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के पास सुरक्षित रहेगी. जानकारी के अनुसार, निलंबित और बकाएदार शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. अगर कोई शिक्षिका मातृत्व अवकाश पर हैं तो उनका ट्रांसफर किया जा सकता है. लेकिन, अवकाश पूरा होने के बाद ही उन्हें नए स्कूल में पोस्टिंग मिलेगी.
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