राज्य सरकार उठाएगी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 10 किलोमीटर तक की ट्रांसमिशन-डिस्ट्रीब्यूशन लाइन की लागत संवाददाता, पटना बिहार में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ””””””””नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा नीति”””””””” लागू कर दी है, जो आगामी पांच वर्षों तक प्रभावी रहेगी. इस नीति के तहत राज्य में 27 हजार मेगावाट से अधिक गैर-परंपरागत ऊर्जा उत्पादन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया गया है. इसमें सबसे अधिक योगदान सोलर ऊर्जा से होगा. इस नीति की एक अहम विशेषता यह है कि नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से जुड़ी ट्रांसमिशन एवं वितरण व्यवस्था को लेकर सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब राज्य में बनने वाली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 10 किलोमीटर तक की ट्रांसमिशन-डिस्ट्रीब्यूशन लाइन, मीटरिंग और सुरक्षा उपकरणों की लागत राज्य सरकार स्वयं उठाएगी. यदि दूरी 10 किलोमीटर से अधिक होगी, तो अतिरिक्त लागत परियोजना विकासकर्ता और उपभोक्ता मिलकर वहन करेंगे. उत्पादन लक्ष्य पूरा होने पर बिहार न केवल अपने गैर-परंपरागत ऊर्जा कोटे को पूरा कर सकेगा बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर राजस्व भी कमा सकेगा. इससे राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश, स्टार्टअप और किसानों को भी लाभ होगा. 33% बिजली आपूर्ति गैर-परंपरागत स्रोतों से अनिवार्य अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य की कुल बिजली आपूर्ति में 33 प्रतिशत हिस्सा गैर-परंपरागत स्रोतों से होना अनिवार्य किया गया है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो बिजली कंपनियों को जुर्माना भरना पड़ेगा. यही कारण है कि सरकार ने साल-दर-साल गैर-परंपरागत बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए चरणबद्ध लक्ष्य तय किया है. 27 हजार मेगावाट गैर परंपरागत बिजली उत्पादन का लक्ष्य में अकेले सोलर ऊर्जा से 20 हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली उत्पादन की योजना है. सोलर प्लांट से 18,448 सोलर पार्क से 900 मेगावाट बिजली मिलेगी जमीन पर स्थापित सोलर प्लांट से 18,448 मेगावाट, सोलर पार्क से 900, फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से 495, तालाबों पर 400, नहरों पर 250, कृषि वोल्टेइक से 390, रूफटॉप सोलर से 500 और स्टैंडअलोन सोलर पंप से 180 मेगावाट उत्पादन प्रस्तावित है. जैवईंधन से 340 और अतिरिक्त संयंत्रों से 360, जबकि अपशिष्ट से 180 और अतिरिक्त स्रोत से 45 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है. पवन ऊर्जा के लिए 200 मेगावाट और अतिरिक्त 50 मेगावाट का प्रावधान है. लघु पनबिजली से 250, भू-तापीय से 50, वितरित ऑन-ग्रिड आरई से 1,975, कृषि फीडर से 500, ऑफ-ग्रिड से 340, मिनी व माइक्रोग्रिड से 50 और डीआरई व अन्य संयंत्रों से कुल 380 मेगावाट उत्पादन प्रस्तावित है. वर्षवार लक्ष्य 2025-26: 3,297 मेगावाट 2026-27: 4,134 मेगावाट 2027-28: 4,854 मेगावाट 2028-29: 5,481 मेगावाट 2029-30: 6,202 मेगावाट
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