संवाददाता, पटना : बीते तीन महीनों में बिस्कुट की कीमतों में 30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है. इससे ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. कारोबारियों का कहना है कि कच्चे माल की लागत, पैकेजिंग मटेरियल के दाम में बढ़ोतरी इसकी प्रमुख वजह है. आटा, चीनी, तेल और दूध पाउडर की कीमतें पिछले कुछ महीनों में लगातार बढ़ी हैं. बिस्कुट बनाने वाली अग्रणी कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतों में बदलाव किया है. सबसे किफायती और लोकप्रिय बिस्कुट ब्रांडों में से एक ने अब पांच रुपये के पैक की मात्रा कम करके 45 ग्राम (40 प्लस 5 एक्सट्रा) कर दी है, जबकि पहले यह 55 ग्राम हुआ करता था. वहीं मैरी, गुडडे और टाइगर बिस्कुट के कई वेरिएंट्स की कीमतों में 10 से 15 रुपये तक की बढ़ोतरी देखी गयी है. जनवरी में 50- 50 बिस्कुट की कीमत 30 रुपये थी, जो मार्च में बढ़ कर 40 रुपये हो गयी. इसी तरह मैरी गोल्ड और गुड डे की कीमत 35 रुपये थी, जो बढ़ कर 40 रुपये हो गयी है. न्यूट्री च्वाइस की कीमत 60 रुपये बढ़ कर 70 रुपये हो गयी है. बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेशचंद्र तलरेजा ने बताया कि यह बढ़ोतरी अस्थायी हो सकती है, लेकिन अगर कच्चे माल की कीमतें नियंत्रित नहीं होती हैं, तो यह रुझान आगे भी जारी रह सकता है.
संबंधित खबर
और खबरें