कैलाशपति मिश्र,पटना राज्य सरकार भी अपनी संपत्तियों की मुद्रीकरण (मॉनेटाइजेशन) करेगी.यानी राज्य सरकार ने अपनी संपत्तियों के नियत अवधि तक इस्तेमाल का अधिकार निवेशकों को देगी.सरकार को इससे वित्तीय घाटे को काबू में रखने में मदद और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को लॉन्ग टर्म में सपोर्ट भी मिलेगा.इसके लिए हॉस्पिटल,कॉलेज, सड़क, शहरी बस टर्मिनल और गोदाम निर्माण में निजी निवेश लाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. दरअसल केंद्र सरकार ने राज्यों को राज्य स्तरीय संस्थाओं को मुद्रीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करने की पहल की है.इसके लिए नीति आयोग के राज्यों के स्वामित्व वाली संपत्तियों की पहचान करने और इसके मॉनेटाइजेशन में मदद करेगा. नीति आयोग द्वारा तैयार एनएमपी की परिसंपत्ति पाइपलाइन में कहा गया है कि राज्य सरकारों, राज्य स्तरीय संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के पास भी एक बड़ा बुनियादी ढांचा परिसंपत्ति आधार है, जिसमें महत्वपूर्ण मुद्रीकरण की क्षमता है.इसमें राज्य राजमार्ग, ऊर्जा वितरण अवसंरचना, अंतरराज्यीय पारेषण नेटवर्क, शहरी परिवहन, बस डिपो, जलापूर्ति और सीवरेज नेटवर्क, गैस पाइपलाइन (कुछ राज्यों में), खेल स्टेडियम और जिला स्तरीय खेल परिसर आदि शामिल हैं. सड़क और मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में निजी भागीदारी जल्द होगी शुरू राज्य सरकार ने केंद्र की तर्ज पर राज्य में पहली बार जेपी गंगा पथ में दीघा से कोइलवर तक फोरलेन सड़क निर्माण निजी भागीदारी से करने का निर्णय लिया है. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी कई मंचों से कह चुकें हैं कि राज्य में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पीपीपी मोड में बनायेंगे. राज्यों को अपने एसेट मॉनेटाइज करने के लिए केंद्र से इन्सेंटिव मिलेगा.इसके लिए राज्यों को 50 साल का बिना ब्याज का लोन दिया जायेगा, इसके लिए इस वित्त वर्ष के बजट में प्रावधान किया गया है.अगर राज्य मॉनेटाइज करते हैं, तो केंद्र 33% की वित्तीय सहायता देगा.
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