प्रह्लाद कुमार, पटना
राज्यभर में संचालित कारखानों में महिला कामगार रात 10 बजे तक काम कर सकती हैं, लेकिन इसके लिए अभी कारखाना संचालकों को श्रम संसाधन विभाग से एनओसी लेना होता है. इसकी स्वीकृति राज्य सरकार से मिलने के बाद इसे लागू कर दिया गया है. जल्द श्रम संसाधन विभाग महिला कामगारों के रात में काम करने के नियमों को बदलाव करेगा, जिसके बाद में कारखानों के लिए महिला कामगारों को नाइट शिफ्ट में काम करने का नियम ओपेन हो जायेगा. साथ ही, रात 10 बजे जो महिलाएं काम करने में इच्छुक होंगी, उसके लिए कारखाना संचालकों को विभाग से एनओसी नहीं लेना होगा. श्रम संसाधन विभाग ने राज्य में संचालित कारखानों में नियोजित महिलाओं के स्वास्थ्य,सुरक्षा एवं कल्याण के लिए श्रम अधिनियम को सख्त किया है. इसमें कारखाना अधिनियम, न्यूनतम मजूदरी, प्रसूति सुविधा अधिनियम व समान पारिश्रमिक अधिनियम को लागू किया है. विभाग ने सख्ती से सभी कारखाना संचालकों को आदेश दिया है कि जहां भी महिलाएं काम कर रही हैं, उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा की जिम्मेदारी संचालक की होगी.इन नियमों का जहां भी पालन नहीं होगा, उनका लाइसेंस रद्द किया जायेगा.
स्थानीय भाषा में नियमों का करें उल्लेख, रात में महिलाएं अपनी इच्छा से करेंगी काम: विभाग ने सभी कारखाना संचालकों को निर्देशित किया है कि वह कैंटीन, प्रवेश एवं निकास द्वार सहित अन्य जगहों पर हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में श्रम नियमों का उल्लेख करें. इसमें ऐसी भाषा का उपयोग होना है, जिसको महिला कामगार आराम से पढ़ सकें. वहीं, रात में जो महिलाएं काम करेंगी, उनकी इच्छा पर होगी, उनसे रात में जबरन काम नहीं कराया जायेगा. इसके लिए महिलाओं से लिखित भी लेना होगा कि वह अपनी इच्छा से रात में भी काम करने को तैयार हैं.
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