वित्तीय वर्ष 2024-2025 में देश के कुल निर्यात में बिहार की हिस्सेदारी 17238 करोड़ की रही संवाददाता ,पटना वैश्विक बाजार में बिहार की निर्यातित वस्तुओं की धमक बढ़ी है. भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ इंडस्ट्रीज की तरफ से हाल ही में निर्यात संबंधी राज्यवार आंकड़े प्रकाशित किये गये हैं. इसके मुताबिक पिछले दो वित्तीय वर्ष 2023-2024 और 2024-2025 के दौरान तुलनात्मक तौर पर पर बिहार से हुए निर्यात में 637.42 करोड़ की वृद्धि हुई है. राज्य से वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 17283.18 करोड़ का निर्यात हुआ है. वर्ष 2023-2024 के वित्तीय वर्ष में बिहार से करीब 16645 करोड़ के निर्यात किये गये थे. इस आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-2024 की तुलना में वर्ष 2024-2025 के दौरान निर्यात में करीब 3.83 प्रतिशत की बढ़ाेतरी दर्ज हुई है. निर्यात के लिहाज से इसे सकारात्मक संकेत माना जा सकता है. यह बात और है कि बिहार से हो रहे निर्यात में बिहार की कुल हिस्सेदारी अभी एक प्रतिशत से भी कम 0.47 प्रतिशत की है. हालांकि, बिहार में 2022-2023 में देश के कुल निर्यात में बिहार की भागीदारी 0.58 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी. हालांकि, इसकी वजह उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार की विशेष परिस्थितियां रही थीं. खास बात ये है कि बिहार के लगभग प्रत्येक जिले में कुछ न कुछ जरूर निर्यात होता है. बिहार से निर्यात उत्पादों में सबसे अधिक वस्तुएं कृषि और बागवानी आधारित उत्पाद हैं. इसमें चावल, मक्का, टमाटर, हरी मिर्ची, सजावटी पौधे, विभिन्न प्रकार के नट काजू, मखाना, इमली,सिघाड़ा, आम,लीची आदि शामिल हैं. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के टेक्सटाइल उत्पाद इसमें साड़ियां और रेशमी-सूती कपड़े और जूट उत्पाद शामिल हैं. पेट्रोलियम उत्पाद और अभ्रक भी निर्यात किया जाता है. बिहार से मांस विशेषकर बोनलेस मीट भी निर्यात किया जाता है. कुछ खास मशीनरी उत्पाद भी निर्यात में शामिल हैं. बढ़ते निर्यात बिहार की मजबूत होती अर्थव्यवस्था का यह बेहतर संकेत है. बिहार की अर्थव्यवस्था से जुड़े जानकारों के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में निर्यात की और संभावनाएं जगी हैं, क्योंकि हाल ही में ड्रायपोर्ट,कार्गो आदि की सुविधाओं में तेजी से इजाफा हुआ है.
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