निगरानी की बड़ी कार्रवाई: 2024 की तुलना में भ्रष्टाचार पर 325% अधिक शिकंजा

2024 में मात्र आठ ट्रैप केस, 2025 में साढ़े पांच महीने में 34 लोक सेवकों पर कार्रवाई

By RAKESH RANJAN | June 20, 2025 1:36 AM
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2024 में मात्र आठ ट्रैप केस, 2025 में साढ़े पांच महीने में 34 लोक सेवकों पर कार्रवाई संवाददाता, पटना बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इस साल जैसे जंग ही छेड़ दी है. साल 2025 के महज साढ़े पांच महीने बीते हैं और ट्रैप की संख्या ने वर्ष 2024 और 2023 के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है. जनवरी से 18 जून, 2025 तक 34 ट्रैप केस दर्ज किये जा चुके हैं, जिनमें 38 लोकसेवकों को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है. इनसे 14,80,600 रुपये रिश्वत की रकम बरामद की गयी है. ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, पकड़े गये अधिकारियों में पुलिस, शिक्षा, राजस्व, निबंधन, बिजली और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी शामिल हैं. इस साल के आंकड़े को 2024 से तुलना करें, तो कार्रवाई में 325% की छलांग है. 2024 में पूरे सालभर में सिर्फ आठ ट्रैप केस हुए थे. इस कारण 2025 की कार्रवाई और भी ध्यान खींचने वाली लगती है. सिर्फ छह महीने में ही 34 केस दर्ज किये जा चुके हैं 2023 में भी पूरे साल सिर्फ 29 केस ही दर्ज हो सके थे. उसके मुकाबले इस साल अभी तक ही 17% ज्यादा केस हो चुके हैं.निगरानी ने अपनी कार्यशैली में भी बदलाव किया है. शनिवार और रविवार या अन्य किसी छुट्टी के दिन कार्रवाई नहीं होती, यह धारणा टूट गयी है. सप्ताहांत हो या सरकारी छुट्टी, रिश्वतखोरी की शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई की जा रही है. हर महीने बढ़ रहा कार्रवाई का दायरा निगरानी का एक्शन हर महीने बढ़ा है. जनवरी में दो, फरवरी में तीन, मार्च में पांच, अप्रैल छह, मई नौ और 18 जून तक नौ लोकसेवक रिश्वत लेते पकड़े गये हैं. वर्ष 2025 में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ट्रैप केस के अलावा चार आय से अधिक संपत्ति और तीन पद के दुरुपयोग के मामले भी दर्ज किये हैं. चर्चित मामलों की बात करें, तो पटना के कार्यपालक अभियंता संजीत कुमार पर 2.17 करोड़ की अवैध संपत्ति का केस दर्ज हुआ. वहीं, मुजफ्फरपुर के पुलिस अवर निरीक्षक रौशन कुमार सिंह 75,000, पटना के सीओ अखिलेश कुमार 70,000 और सरैया के दरोगा आशीष कुमार 60,000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े थे. . —–वर्जन—– निगरानी की कार्रवाई राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन’ नीति का परिणाम है. तकनीकी निगरानी, गोपनीय सूचना नेटवर्क और तेज अभियोजन प्रक्रिया की वजह से भ्रष्ट अधिकारियों में डर का माहौल बना है. छह महीने में ही इतने ट्रैप केस दर्ज होना इस बात का प्रमाण है.ब्यूरो लगातार कार्रवाई कर रहा है. जनता से अपील है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगता है , तो तुरंत निगरानी की हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें. जानकारी देने वाली की पहचान गोपनीय रखी जायेगी. जेएस गंगवार, डीजी , निगरानी अन्वेषण ब्यूरो —–इंसेट—– यहां करें भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत निगरानी ने सूचनाएं देने अथवा मदद के लिए अपने आठ नंबर जारी किये हैं. लैंड लाइन नंबर : 0612-2215033, 2215030, 2215032 , 2215036, 2215037, 2999752 हैं. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर – 0612-2215344 ओर मोबाइल नंबर 7765953261 जारी किया है.

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