मुजफ्फरपुर के 96 शिक्षकों का ऐच्छिक जिले में ट्रांसफर
राज्य में शिक्षकों के ट्रांसफर का काम सॉफ्टवेयर आधारित प्रक्रिया से किया गया है. इसमें मुजफ्फरपुर के 96 शिक्षकों का स्थानांतरण उनकी पत्नी के कार्यस्थल के आधार पर ऐच्छिक जिलों में किया गया है. पूरे राज्य में 2151 शिक्षकों का ट्रांसफर उनकी प्राथमिकता के अनुसार हुआ है. शिक्षकों का विद्यालय आवंटन 10 से 20 अप्रैल के बीच किया जाएगा.
नए जिले में योगदान के बाद तय होगी वरीयता
अंतर जिला स्थानांतरण पाने वाले शिक्षकों की वरीयता (सीनियरिटी) का निर्धारण नए जिले में योगदान के बाद किया जाएगा. यह प्रक्रिया पूर्व से जारी प्रावधानों के अनुरूप होगी.
छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ा तो फिर होगा ट्रांसफर
शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, अगर भविष्य में किसी जिले या विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात असंतुलित होता है तो संबंधित शिक्षकों का स्थानांतरण फिर से किया जा सकता है.
कौन-कौन शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया से बाहर?
स्थानीय निकाय के शिक्षकों को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है. अगर किसी स्थानीय निकाय शिक्षक का ट्रांसफर हो गया है, तो डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) को इसकी सूचना ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर देनी होगी.
विभागीय जांच, वित्तीय गड़बड़ी या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा. यदि किसी कारणवश ऐसा हुआ है, तो डीईओ ऐसे शिक्षकों को विरमित करेंगे. भविष्य में शिक्षक तभी ट्रांसफर के योग्य होंगे जब वे सक्षमता परीक्षा पास करेंगे और नए विद्यालय में योगदान देंगे.
1.90 लाख शिक्षकों ने किया था आवेदन
शिक्षा विभाग के अनुसार, 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर शिक्षकों से स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. इस दौरान राज्य भर से कुल 1,90,000 शिक्षकों के आवेदन प्राप्त हुए.
नए आदेश से सख्त हुई ट्रांसफर प्रक्रिया
शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया है. अब शिक्षकों को अपने ट्रांसफर के लिए सटीक जानकारी देनी होगी, अन्यथा उनका स्थानांतरण रद्द हो सकता है.
Also Read: PU की पहली महिला अध्यक्ष की कहानी, बिहार के पहले CM के इलाके से आने वाली मैथिली के पास हैं ये शानदार उपलब्धियां