बता दें कि, फिल्म में बापू के विज्ञान, नवाचार एवं राष्ट्र निर्माण में योगदान और आजादी के आंदोलन में चंपारण सत्याग्रह पर विशेष ध्यान दिया गया है. जिसके चलते फिल्म का नाम भी ‘गांधी: विज्ञान, नवाचार और राष्ट्र निर्माण’ रखा गया है. तारामंडल के परियोजना निदेशक अनंत कुमार ने बताया कि यह फिल्म दर्शकों के लिए तारामंडल के कार्यावधि पर प्रतिदिन नि:शुल्क दिखाई जाएगी. ग्राउंड फ्लोर में अभी दो प्रोजेक्शन स्क्रीन लगाया गया है, जिसपर फिल्म चलाया जा रहा है.
Also Read: शिक्षण सामग्री से GST हटाने की मांग, छात्रों ने प्री बजट संवाद में रखी ये उम्मीदें
थ्रीडी थियेटर का एक साथ 25 लोग उठा सकेंगे लुफ्त
तारामंडल के ग्राउंड फ्लोर में वर्चुअल रियलिटी (वीआर) थ्रीडी थियेटर को भी तैयार किया जा रहा है. इसमें करीब 5 करोड़ 59 लाख की राशि खर्च किया जा रहा है. इसे तैयार करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) कोलकाता को दी गई है. एनसीएसएम फरवरी माह में तैयार कर लेगी. 28 फरवरी को इसे शुभारंभ करने की तैयारी है. जिसके बाद एक साथ 25 लोग बैठ इसका लुफ्त उठा सकेंगे. दर्शकों के बैठने वाली कुर्सियां भी मूवेबल होगी. जिसपर बैठने से दर्शकों को आभासी वास्तविकता का एहसास होगा.
Also Read: IIT और NIFT से पढ़ाई के बाद शुरु किया स्टार्टअप, अपना प्रोडक्ट बेच कमा रहे लाखों रुपये
वर्चुअल रियलिटी का मिल रहा अच्छा रिस्पांस
कोलकाता से मंगाए गये वर्चुअल रियलिटी तकनीक मशीन का संचालन 10 जून 2024 से किया जा रहा है. प्रतिदिन सुबह 11.30 से दोपहर 1.30 बजे तक व दोपहर 2.30 से शाम 6.30 बजे तक करीब 60 लोगों को मंगल ग्रह की सैर कराया जा रहा है. प्रति शो को टाइमिंग सात मिनट है व एक बार में दो लोग देख सकते हैं. दर्शकों का अच्छा रिस्पांस आने को लेकर ही वर्चुअल रियलिटी (वीआर) थ्रीडी थियेटर को तैयार किया जा रहा है.
Also Read: पिता ने अंग्रेजों का किया सामना, बेटा बापू पर जारी हुए 5000 डाक टिकटों का किया संग्रह, कीमत लाखों में
बापू टावर में लगी टिकट व पेंटिंग प्रदर्शनी
गर्दनीबाग स्थित बापू टावर में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को लेकर 35 समकालीन कलाकारों के कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया. पेंटिंग के जरिए बापू की जीवनी को दिखाया गया है. पेंटिंग को बिहार सहित उत्तराखंड, उड़ीसा, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कलाकारों ने तैयार किया है. यह प्रदर्शनी 30 दिनों तक चलेगी. वहीं, पटना जीपीओ के सहयोग से एक दिवसीय डाक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इसमें गांधी पर जारी हुए सभी डाक टिकटों को संग्रह है.