संवाददाता, पटना : पटना. गिरफ्तार शूटर उमेश यादव ने हत्या से पहले तीन-चार दिनों तक रेकी की थी. गोपाल खेमका बांकीपुर क्लब रात आठ बजे जाते थे और 11:30 के बाद लौटते थे. उनके साथ उनका मित्र सुदेश सरिन रहते थे. उन्हें खेमका बाकरगंज मोड़ पर उतार देते और खुद ही गाड़ी ड्राइव करते हुए घर आते थे. अशोक साव ने खेमका की सारी दिनचर्या को बता दिया था. इसके बाद उमेश बांकीपुर क्लब से लेकर उनके घर तक की तीन-चार दिनों तक रेकी की. इसके बाद चार जुलाई को उमेश पहले बांकीपुर क्लब गया. लेकिन, वहां उनकी गाड़ी देखने के बाद उनके घर के पास आया और इंतजार करने लगा. इसके बाद किसी ने उसे फोन कर बताया कि खेमका यहां से निकल चुके हैं. इसके बाद जैसे ही उनकी गाड़ी घर के गेट पर आयी, वैसे ही उनकी हत्या कर दी. इसके बाद उमेश एसपी वर्मा रोड से जमाल रोड पहुंचा और फिर चिरैयाटांड़ पुल होते हुए पटना सिटी के मालसलामी पहुंच गया.उसने अपने बाइक के नंबर पर टेंपर कर रखा था, जिसके कारण उसकी पहचान करने में पुलिस को दो दिन लग गये. लेकिन, सीसीटीवी कैमरे से पहचान कर उमेश को गिरफ्तार कर लिया गया.
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