राष्ट्रीय-चेतना के लिए एक राष्ट्रभाषा का उन्नयन आवश्यक

देश को एक सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्रीय-चेतना का अभ्युदय आवश्यक है. इसके लिए संपूर्ण राष्ट्र से स्वस्थ-संवाद स्थापित करने के लिए एक राष्ट्रभाषा का उन्नयन और विस्तार भी आवश्यक है.

By DURGESH KUMAR | July 28, 2025 12:58 AM
an image

साहित्य सम्मेलन में ज़िलों के अधिकारियों के प्रांतीय-सम्मेलन का उद्घाटन संवाददाता, पटना देश को एक सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्रीय-चेतना का अभ्युदय आवश्यक है. इसके लिए संपूर्ण राष्ट्र से स्वस्थ-संवाद स्थापित करने के लिए एक राष्ट्रभाषा का उन्नयन और विस्तार भी आवश्यक है. संपर्क-भाषा के अभाव में, भारतवर्ष अपने ही भाई-बहनों से आवश्यक संवाद नहीं कर पा रहा है, जो वैचारिक एकता के लिए अनिवार्य है. ये बातें रविवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, सम्मेलन से संबद्ध ज़िला शाखाओं के अधिकारियों के प्रान्तीय-सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बिहार विधान सभा के अध्यक्ष नन्द किशोर यादव ने कहीं. श्री यादव ने कहा कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाये जाने के लिए सभी भारतवासियों को भाषायी पूर्वाग्रह का त्याग कर राष्ट्रहित में चिंतन करना चाहिए. देश को अंग्रेज़ी और अंग्रेज़ीयत से बचाने के लिए यह अनिवार्य है, इस बात को देश के लोगों को अवश्य समझना होगा. हमें स्वयं भी यह विचार करना चाहिए कि हमारे घर में हिंदी का सर्वाधिक प्रयोग हो. बिहार सरकार ने चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा की भाषा हिन्दी कर दी है. इसी तरह अन्य तकनीकी विषयों की शिक्षा भी हिंदी में होगी. भारत सरकार इस दिशा में गंभीर है. हम निकट भविष्य में बड़े बदलाव देखेंगे. सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा कि इस प्रांतीय सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य सभी ज़िला शाखा को हिंदी को राष्ट्र-भाषा बनाये जाने के संकल्प को बल देने और इसके लिए आंदोलन का सज्जा करना है. अब से प्रत्येक वर्ष महाधिवेशन की भांति एक अलग से ज़िलों के अधिकारियों का प्रांतीय सम्मेलन हुआ करेगा. इस अवसर पर जिलों से आये सभी प्रतिभागियों को तिलक-चंदन लगाकार और अंग-वस्त्रम प्रदान कर अभिनंदन किया गया. कटिहार के वरिष्ठ साहित्यकार कामेश्वर पंकज के लघुकथा-संग्रह ””अलगू और जुम्मन”” का लोकार्पण तथा संबद्ध ज़िला सम्मेलनों को संबंधन-पत्र भी प्रदान किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि और राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय कुमार, सम्मेलन के वरीय उपाध्यक्ष जियालाल आर्य, डा उपेंद्र नाथ पाण्डेय, डा शंकर प्रसाद, डा मधु वर्मा, वरिष्ठ लेखिका किरण सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन प्रचारमंत्री कुमार अनुपम ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा मधु वर्मा ने किया.

संबंधित खबर और खबरें

यहां पटना न्यूज़ (Patna News) , पटना हिंदी समाचार (Patna News in Hindi), ताज़ा पटना समाचार (Latest Patna Samachar), पटना पॉलिटिक्स न्यूज़ (Patna Politics News), पटना एजुकेशन न्यूज़ (Patna Education News), पटना मौसम न्यूज़ (Patna Weather News) और पटना क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version