रेलवे सूत्रों के मुताबिक, अगले दो महीनों में इस नई वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी मिल सकती है. यह ट्रेन पटना से चलकर उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण स्टेशनों से होते हुए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंचेगी. इस ट्रेन का संचालन भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से किया जा सकता है, जबकि इसके रखरखाव की जिम्मेदारी दानापुर रेल मंडल को दी जा सकती है, जिससे इसका बेस पटना बन सकता है.
1000 किमी से ज्यादा का सफर सिर्फ 11 से 13 घंटे में
पटना से भोपाल के बीच की दूरी करीब 1000 किलोमीटर से अधिक है. इस दूरी को पारंपरिक ट्रेनों से तय करने में 18 से 20 घंटे तक लग जाते हैं. लेकिन वंदे भारत एक्सप्रेस से यह सफर महज 11 से 13 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. इससे यात्रियों को काफी राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो कामकाजी या व्यवसायिक कारणों से दो राज्यों के बीच नियमित आवाजाही करते हैं.
इन शहरों से होकर गुजरेगी ट्रेन
माना जा रहा है कि यह ट्रेन भोपाल से सतना, प्रयागराज और वाराणसी होते हुए पटना पहुंचेगी. यह रूट बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों को जोड़ने में मदद करेगा, जिससे इन राज्यों के बीच यात्रियों की आवाजाही को एक नई गति मिलेगी.
पटना बना वंदे भारत का हब
इससे पहले पटना से रांची, हावड़ा और जल्द शुरू होने वाली गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ने राजधानी को रेलवे नेटवर्क का एक प्रमुख केंद्र बना दिया है. अब भोपाल रूट की यह नई कड़ी पटना की कनेक्टिविटी को और मजबूती देने वाली है. रेलवे बोर्ड को इस प्रस्ताव को मंजूरी देना बाकी है, लेकिन जिस तरह तैयारियां चल रही हैं, उससे संकेत मिलते हैं कि जल्द ही इस रूट पर भी वंदे भारत की रफ्तार दौड़ने लगेगी.
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